विद्वान अधिवक्ताओ के बीच पहुंचे एनडीए प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी, देश की न्याय प्रणाली पर हुई चर्चा




न्यूज़ विज़न। बक्सर
गुरुवार को एनडीए के बक्सर लोकसभा प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी ने बक्सर व्यवहार न्यायालय परिसर में पहुंचकर जिले के विद्वान अधिवक्ता गणों से मिल कर कुशलक्षेम पूछा तथा उनसे लम्बी बातचीत करते हुए न्याय प्रणाली पर विस्तृत चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी द्धारा अंग्रेजों के समय बनाए गये कानून में बदलाव के प्रति वरिष्ठ अधिवक्ताओं की राय जानने और समझने का प्रयास किया।








बातचीत के क्रम में भाजपा प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी ने बताया कि मोदी जी ने भारतीय दंड संहिता (IPC)1860, दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC)1898, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट)1872 को खत्म करने का काम किया। मोदी जी ने कहा कि यह कानून भारतीयों पर शासन करने करने के लिए बनाया गया है। इसलिए इसे बदलकर अब भारतीय न्याय संहिता 2023 लागू होगी। दुसरा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होगी और तीसरा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू होगा।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट को सख्त किया गया। गौ हत्या और गोवंश से जुड़े कानून को और सख्त किया गया। कश्मीर से 370 और 35A खत्म कर वहां के लोगों के जीवन स्तर में नयी क्रांति लाने का काम किया है। नागरिकता संशोधन कानून CAA लागू कर देश की एक और गारंटी को पूरा करने का काम किया है।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने मोदी सरकार द्धारा भारतीयों के प्रति गलत कानूनों को रद्द कर जनहित और देश हित में नये कानून बनाने के लिए मोदी सरकार में आस्था व्यक्त किया और विद्वान अधिवक्ताओं ने माना की आज देश सुरक्षित हाथों में है। तत्पश्चात मिथिलेश तिवारी ने सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं से बक्सर लोकसभा से अपने लिए आशीर्वाद मांगा और मोदी जी को फिर से एक बार प्रधानमंत्री बनाने का आग्रह किया। तदोपरांत संसदीय चुनाव कार्यालय में आगामी 05 मई को होने वाले ओबीसी मोर्चा के सम्मेलन के तैयारी बैठक की समीक्षा की। उक्त मौके पर केदारनाथ तिवारी पूर्व जिला अध्यक्ष, मिठाई सिंह, निर्भय राय, इन्द्रलेश पाठक, धनंजय राय, तेज प्रताप सिंह उर्फ छोटे सिंह, प्रफुल्ल तिवारी, विंध्याचल पाठक, धनजी पाण्डेय, भरत प्रधान, दिनेश सिंह जदयू, तथा एनडीए के दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

