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कॉर्पोरेट लूट को खत्म करने, किसानी व भारत बचाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियनों ने निकला विरोध मार्च की आमसभा 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

कॉर्पोरेट लूट को ख़त्म करने, खेती-किसानी बचाने, भारत बचाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियनों द्वारा शुक्रवार को पूर्व निर्धारित हड़ताल एवं ग्रामीण बंद के समर्थन में नगर के ज्योति प्रकाश चौक पर भाकपा-माले, भाकपा, माकपा द्वारा मार्च निकला गया एवं सभा आयोजित की गयी जिसकी अध्यक्षता कॉमरेड जगनारायण शर्मा ने किया जबकि संचालन नीरज कुमार ने किया।

 

केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध मार्च केस बाद वाम दलों के नेताओं ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी शासन द्वारा जनता के सभी तबकों के अधिकारों, लोकतंत्र, संविधान और देश के संघीय ढांचे पर बढ़ते फासीवादी हमले के खिलाफ वाम दल लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। आगामी चुनाव में देश की जनता ऐसे फासीवादी शासन का निश्चित रूप से अंत करेगी। मोदी सरकार पंजाब और दिल्ली की सीमाओं पर राजमार्गों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार और कंक्रीट बैरिकेड्स लगाकर लोगों के लोकतांत्रिक तरीके से  किये जा रहे विरोध प्रदर्शन को रोक रही है।  प्रशासन दिल्ली और हरियाणा के आसपास धारा 144 लगा रहा है और जनता को बिना किसी पूर्व सलाह के यातायात को डायवर्ट कर रहा है। प्रशासन लोगों को डराने के लिए आतंक का माहौल बना रहा है। मोदी सरकार प्रदर्शनकारियों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे कि वे देश के दुश्मन हों।

 

संयुक्त किसान मोर्चा और केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर 16 फरवरी को हो रही औद्योगिक/सेक्टेरियल हड़ताल व ग्रामींण भारत बंद का सक्रिय समर्थन करते हैं। हम मांग करते हैं कि बढ़ती महंगाई के आधार पर न्यूनतम वेतन ₹26000 हजार देश के सभी मजदूरों के लिए घोषित किया जाए। घरेलू कामगारों एवं आंगनवाड़ी आशा आदि स्कीम वर्कर्स को न्यूनतम वेतन व सामाजिक सुरक्षा सहित सभी हितलाभ दिया जाय तथा रेहड़ी पटरी फुटपाथ के दुकानदारों, रिक्शा, बैटरी रिक्शा, टेंपो चालकों सहित असंगठित क्षेत्र के सभी मजदूरों का उत्पीड़न व उजाड़ना बंद कर सब का सर्वे कर लाइसेंस व सामाजिक सुरक्षा दी जाए। शहर के मजदूर बस्तियों को नियमित कर बिजली, पानी, नाली, सड़क, स्वरोजगार, राशन, शिक्षा स्वास्थ्य इत्यादि मूलभूत नागरिक सुविधा उपलब्ध कराया जाय। समान काम का समान वेतन, पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए, न्यूनतम पेंशन ₹5000 घोषित की जाए। ठेका कर्मियों को उसी स्थान पर पक्का किया जाए,  श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी, फेरबदल वापिस लिया जाए, रसोई गैस, बिजली, पेट्रोल, डीजल की बढ़ी कीमतें कम की जाए। सभा के दौरान राजदेव सिंह, जितेन्द्र राम, मनोज, हरेराम, करण, परशुराम सहित अन्य लोग उपस्थित रहें।

 

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