वेदत् ध्वनि व मंत्रोच्चार के साथ 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव का भव्य शुभारंभ
बसांव पीठाधीश्वर श्री अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज व श्री सीताराम विवाह स्थल के महंत श्री राजाराम शरण दास जी महाराज ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का किया शुभारंभ




न्यूज़ विज़न। बक्सर
श्री रामलीला समिति बक्सर के तत्वावधान में शहर के ऐतिहासिक किला मैदान स्थित विशाल रामलीला मंच पर रविवार को 22 दिवसीय ‘विजयादशमी महोत्सव’ का देर शाम वेदत ध्वनि व मंत्रोचार के बीच बसांव मठ के पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 श्री अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज एवं सीताराम विवाह स्थल के महंत श्रीश्री 1008 श्री राजाराम शरण दास जी महाराज द्वारा संयुक्त रूप से पूजन व आशीर्वचनों के साथ भव्य शुभारंभ किया गया। इस दौरान मुख्य यजमान के रूप में समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रामावतार पाण्डेय द्वारा गणेश जी व अन्य देवताओं का विधिवत पूजन व आरती किया गया। पूजन के दौरान बसांव मठ से पधारे दर्जनों वेदपाठी छात्रों के वैदिक मंत्रोच्चार से पुरा रामलीला मैदान गुंजायमान हो गया। पूजन के नेतृत्व जिले के प्रतिष्ठित विद्वान डॉ0 नारायण जी शास्त्री व अन्य सहयोगी विद्वानों द्वारा किया गया। जिसमें मंदिरों से पधारे वेदपाठी ब्रम्हचारियों ने सहयोग किया।







कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रामावतार पांडेय एवं संचालन समिति के सचिव बैकुण्ठनाथ शर्मा ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन समिति के कोषाध्यक्ष सुरेश संगम ने किया। वहीं उद्घाटन सत्र का संचालन प्रख्यात कथा वाचक डा0 रामनाथ ओझा ने किया। उद्घाटन के पश्चात मौके पर समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी पूर्व से चली आ रही इस परंपरागत संस्कृति विजयादशमी महोत्सव को श्री रामलीला समिति द्वारा निरंतर भव्यता प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है जो आगे भी निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बक्सर का यह 22 दिवसीय “विजयादशमी महोत्सव” पूरे बिहार में प्रसिद्ध है. उन्होंने प्रत्येक वर्ष इस कार्यक्रम को अपना पूर्ण सहयोग देकर आयोजन को सफल बनाने में कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए नगर वासियों, जिला प्रशासन, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सहित तमाम लोगों के प्रति प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग के लिए कृतज्ञता जाहिर की। इस मौके पर समिति के संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता ने बताया कि 15 सितम्बर से रामलीला मंच पर प्रतिदिन दिन में 10 बजे से श्री कृष्ण लीला और रात्रि 8 बजे से श्री रामलीला का कार्यक्रम होगा।




उद्घाटन के दौरान पूरा रामलीला परिसर व्रतधारी महिलाओं एवं श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था
शुभारंभ के उपरांत वृंदावन से पधारे सर्वश्रेष्ठ रामलीला मंडल श्री राधा माधव रासलीला एवं रामलीला लीला संस्थान के स्वामी श्री सुरेश उपाध्याय ‘व्यासजी’ के निर्देशन में 22 दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम दिन “श्री गणेश पूजन एवं शिव विवाह” प्रसंग का मंचन किया गया, जिसमें दिखाया गया कि सती और भोलेनाथ ऋषि अगस्त के यहाँ रामकथा श्रवण करते हैं। इसके बाद सती श्रीराम की परीक्षा लेने वन में पहुंच जाती है जहाँ श्रीराम उनको पहचान जाते हैं और भोलेनाथ जी का समाचार पूछते है, वहां सती लज्जित होकर अपनी आंखें बंद कर लेती है जहां उन्हें चारों तरफ राम, लक्ष्मण और सीता का प्रतिबिंब दिखाई देता है। वहां से लौटने के बाद भोलेनाथ जी सती से परीक्षा की बात पूछते हैं मगर सती उनसे बात छुपाती हैं परन्तु भोलेनाथ ध्यान करके सभी बातों को जान जाते हैं। दूसरी तरफ सती के पिता दक्ष यज्ञ का आयोजन करते हैं और भोलेनाथ को निमंत्रण नहीं देते है। यह सुनकर सती बिना बुलाए अपने पिता दक्ष के यज्ञ में पहुंचती है और अपने पति भोलेनाथ को वहाँ नहीं बुलाने की बात पर यज्ञ कुण्ड में कूद जाती है। इधर सती का जन्म हिमालय के पुत्री पार्वती के रूप में होता है. नारद जी के वचन के अनुसार शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए पार्वती जी कठोर तप करती हैं, अंत में शिव जी और पार्वती जी का विवाह होता है।
उक्त कार्यक्रम में बक्सर सांसद सुधाकर सिंह, राजपुर विधायक विश्वनाथ राम, नगर चेयरमैन प्रतिनिधि नियामतुल्लाह फरिदि, आरएसएस के प्रांत कार्यवाह राजेन्द्र प्रसाद, नगर कार्यवाह ओम प्रकाश वर्मा, राजद जिलाध्यक्ष शेषनाथ सिंह, अमीत पाण्डेय, संतोष रंजन राय, अमरेन्द्र पाण्डेय, प्रो० पुरुषोत्तम मिश्रा सहित जिले के तमाम प्रतिष्ठित समाजसेवी, साहित्यकार, व्यवसायी एवं राजनीतिक हस्ती मौजूद रहे।

