कोबरा सांप ने किशोर को काटा, झाड़ फूँक के चक्कर में हुयी मौत
सांप के काटने पर समय पर इलाज है जीवन का सबसे बड़ा मंत्र, देर बनी मौत की वजह




न्यूज़ विज़न। बक्सर
रविवार तड़के औद्योगिक थाना क्षेत्र के साहोपरा गांव में एक 17 वर्षीय किशोर की सांप के काटने से मौत हो गई, जिसे समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। विशेषज्ञों और स्वास्थ्य कर्मियों का मानना है कि यदि पीड़ित को समय रहते चिकित्सा सहायता मिल जाती, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।







घटना के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 4 बजे घर में सो रहे किशोर राजा पाण्डेय को एक कोबरा सांप ने डस लिया। दुर्भाग्यवश, परिजनों ने उसे सीधे अस्पताल ले जाने के बजाय पहले पारंपरिक झाड़-फूंक और ओझा-तंत्र जैसी देसी पद्धतियों में उलझा दिया। इससे तीन घंटे का कीमती समय व्यर्थ चला गया। जब तक उसे बक्सर सदर अस्पताल लाया गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने किशोर को मृत घोषित कर दिया।

आप सभी पाठकों से अपील है कि सांप काटे तो करें ये 3 जरूरी काम:
1. बिल्कुल भी देरी न करें: तुरंत पीड़ित को नजदीकी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।
2. शरीर को कम हिलाएं: ज़हर के प्रसार को रोकने के लिए पीड़ित को स्थिर रखें और अधिक हिलने-डुलने से बचाएं।
3. एंटी-वेनम ही एकमात्र इलाज है: झाड़-फूंक या घरेलू उपाय जानलेवा हो सकते हैं।
मौके पर पहुंचे प्रसिद्ध स्नेक रेस्क्यूर हरिओम कुमार ने बताया कि कोबरा सांप घटनास्थल के पास ही झाड़ियों में छिपा मिला, जिसे सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया। उन्होंने बताया, “कोबरा जैसे विषैले सांप के डसने पर हर मिनट कीमती होता है, ऐसे में सीधे अस्पताल पहुंचना ही जान बचाने का सबसे कारगर तरीका है।”हरिओम ने यह भी बताया कि अधिकतर मौतें अंधविश्वास और देरी की वजह से होती हैं, जबकि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में एंटी-वेनम इंजेक्शन उपलब्ध हैं, जिनसे जान बचाई जा सकती है।
समाज को चाहिए वैज्ञानिक सोच और त्वरित कार्रवाई
यह घटना हमें यह सिखाती है कि 21वीं सदी में भी केवल जागरूकता की कमी और अंधविश्वास के चलते अनमोल जिंदगियां गंवाई जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को इस संबंध में प्रशिक्षण और जानकारी देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।

