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एक वोट से बच गयी सदर प्रखंड प्रमुख की कुर्सी, लाया गया अविश्वास प्रस्ताव हुआ ख़ारिज

अविश्वास के पक्ष में कुल मत पड़े 11 जो की सरकार गिराने के लिए 1 वोट रहा कम

न्यूज़ विज़न।  बक्सर

जिला अंतर्गत सदर प्रखंड कार्यालय स्थित सभाकक्ष में सोमवार को प्रखंड प्रमुख फुलपातो देवी पर पर कमरपुर पंचायत की बीडीसी शोभना देवी द्वारा लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा एवं मत विभाजन के लिए बैठक बुलाई गई थी। जिसमे प्रमुख फुलपातो देवी पर लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ख़ारिज हो गया।

 

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रखंड परिसर में शांति व्यवस्था एवं विशेष सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया था। सभी पंचायत से पहुंचे पंचायत समिति सदस्यों का पहचान करने के बाद उन्हें सदन में जाने की अनुमति दिया जा रहा था। अविश्वास पर बहस की कार्रवाई जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल के निर्देशन में अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र मिश्रा की उपस्थिति में  कार्यपालक पदाधिकारी सह बीडीओ साधु शरण पांडेय के निर्देशन में आरंभ की गयी। जिसकी अध्यक्षता महदह पंचायत के बीडीसी ओमप्रकाश कमकर ने किया। बैठक में कुल 22 पंचायत समिति सदस्य उपस्थित रहे। प्रखंड प्रमुख फुलपातो देवी के खिलाफ दायर किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बाद मत विभाजन की प्रक्रिया शुरू की गयी। जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन के पक्ष में 11 मत पड़े। और फुलपातो देवी के पक्ष में भी 11 मत पड़े जिसमे एक मत अवैध करार देने के बाद 10 हो गया। लेकिन नियमानुसार फुलपातो देवी के पक्ष के वोट से कोई लेनादेना नहीं है अविश्वास लाने के लिए जब आवेदन है तो उसके लिए अविश्वास के पक्ष में 12 मत होना जरुरी है जबकि 11 मत ही है।

मत विभाजन के बाद बीडीओ साधुशरण पांडेय ने घोषणा करते हुए बताया कि प्रखंड प्रमुख के खिलाफ लाये गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 11 मत पड़े जो की प्रखंड प्रमुख फुलपातो देवी के खिलाफ अविश्वास पारित करने के लिए एक वोट कम रहा। इस प्रकार प्रखंड प्रमुख के खिलाफ पंचायत समिति सदस्य शोभना देवी द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ख़ारिज किया जाता है।

जिलाधिकारी के निर्देश पर पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी धीरेन्द्र मिश्रा ने बताया की प्रखंड प्रमुख के खिलाफ अविश्वास लाया गया था। जो की पंचायत समिति सदस्यों के कुल संख्या के आधा से एक अधिक होना जरूरी है। लेकिन मत विभाजन के दौरान ऐसा नहीं हुआ जिससे बक्सर प्रखंड प्रमुख के खिलाफ लाया गया अविश्वास ख़ारिज किया गया।

 

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