मणिपुर समेत देश के अन्य हिस्सों में आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ निकाला आक्रोश मार्च
मणिपुर की कुकी आदिवासी महिलाओं के साथ किया गया नंगा नाच, बेबस औरतें रो रही है केंद्र सरकार ले रही आनंद - संतोष नागवंशी




न्यूज विजन | बक्सर
भारत के विभिन्न राज्यों में निवास करने वाले आदिवासीयों की संस्कृति और पहचान समाप्त करने के लिए एवं विकास के नाम पर जल, जंगल और जमीन से बेदखल करने के लिए बनाये जा रहे संसद द्वांरा असंवैधानिक कानूनों पर तत्काल रोक लगाकर, संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार अधिकार सुनिश्चित करने को लेकर बृहस्पतिवार को आदिवासी एकता परिषद द्वारा निर्मल कुमार गोंड के नेतृत्व में किला मैदान से आक्रोश मार्च निकाला गया। जो कलेक्ट्रेट पहुंच डीएम को मांग पत्र सौंपा गया।
कलेक्ट्रेट पहुंच एक सभा को संबोधित करते हुए भारत मुक्ति मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संतोष नागवंशी ने संबोधित करते हुए कहा की मणिपुर की कुकी आदिवासी महिलाओं के साथ किया गया नंगा नाच, कुकृत्य जिसमें बहुत सारे मर्द महिलाओं को नंगा करके बेशर्मी की हद रहे है। बेबस औरतें रो रही है और मर्दों की भीड़ आनंद ले रही पुलिस-प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। वैसी सरकार को शर्म नही आ रही है की मां का चीरहरण हुआ है और केंद्र में बैठी सरकार आनंद ले रही है। इस मुद्दे को लेकर आदिवासी एकता परिषद 7 अगस्त को भारत बंद कर रहा है। राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के जिला प्रभारी गोरख नाथ के कहा कि जंगलों का निजीकरण करके आदिवासी बहुल इलाकों में गैर आदिवासीयों/पूंजीपतियों की घुसपैठ करवाकर अनुसूचित क्षेत्रों को खत्म करने की साजिश की जा रही है। वही संविधान के आर्टिकल.25 के माध्यम से मिली धार्मिक स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। आक्रोश मार्च में शिवनारायण सिंह, अखिलेश कुमार सिंह, प्रभु गोंड, कन्हैया गोंड, राजकुमार, संतोष, रामाश्रय, सुरेश, सोहन, महेश समेत सैकड़ों आदिवासी समुदाय के लोग शामिल रहे।

