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काशी प्रसाद जायसवाल की 87 वी पुण्यतिथि मनाई गई

आधुनिक भारत के प्रथम इतिहासकार थे, 1911 में बैरिस्टरी पास कर कलकत्ता में शुरु किया वकालत

न्यूज विजन | बक्सर
शहर के पीपी राेड में स्थित अमेरिकन इंग्लिश काेचिंग सेंटर में शनिवार काे इतिहासकार डाॅ. काशी प्रसाद जायसवाल की 87वीं पूण्यतिथि मनाई गई। कार्यक्रम का शुरुअात दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम के दाैरान जायसवाल समाज के कुल देवता सहस्त्रार्जुन अाैर डाॅ. जायसवाल के तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके जीवनी पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए भारतीय सर्व महासभा के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जायसवाल ने कहा कि डाॅ. काशी प्रसाद जायसवाल इतिहासकार के साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद के सहयाेग से इतिहास परिषद की स्थापना की थी। सभा के सलाहकार सह अधिवक्ता सुरेश प्रसाद जायसवाल संगम ने कहा कि डाॅ. काशी प्रसाद जायसवाल ने ही पहली बार अपना सरनेम जायसवाल रखा। उनके बाद से कलवार जाति के लाेग अपना सरनेम जायसवाल लगाने लगे। स्व. काशी प्रसाद जायसवाल का जन्म यूपी के मिर्जापुर में 27 नवम्बर 1981 काे हुअा था। वह अाॅक्सफाेर्ड यूनिवर्सिटी से इतिहास से एमए किया। अाधुनिक भारत के प्रथम इतिहासकार बताये जाते थे। 1911 में बैरिस्टरी पास कर तब के कलकत्ता में वकालत शुरु किया बाद में 1914 में पटना हाई काेर्ट में वकालत करने लगे। उन्हाेंने समाज काे एक नई दिशा दी। माैके पर महासचिव संजय चाैधरी, संरक्षक लक्ष्मण प्रसाद जायसवाल, रविन्द्र जायसवाल, विजय कुमार जायसवाल, गुलाबचंद्र जायसवाल, अशाेक जायसवाल, वेद प्रकाश जायसवाल, अादेश जायसवाल, अनिल जायसवाल, प्रकाशचंद्र जायसवाल, गिरीश जायसवाल थे।

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