एक दिन जब भक्त गोपाल ने खाना नहीं बनाया तो प्रभु श्रीराम चारों भाइयों व हनुमान के साथ पहुंच उनका खाना बनाया
कृष्णलीला के ग्यारहवे दिन भक्त गोपाल के लीला का हुआ मंचन




न्यूज़ विज़न । बक्सर
शहर के किला मैदान स्थित रामलीला मंच पर रामलीला समिति के तत्वाधान में चल रहे 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के ग्यारहवें दिन मंगलवार को वृंदावन से पधारे श्री नंद नंदन रासलीला एवं रामलीला मंडल के स्वामी श्री करतार बृजवासी के सफल निर्देशन में मंचित कृष्णलीला के दौरान “भक्त गोपाल” चरित्र के प्रसंग का मंचन हुआ।
भक्त गोपाल के प्रसंग में दिखया गया कि भक्त गोपाल एक जाट परिवार से गरीब किसान रहता है आर्थिक तंगी के कारण उसकी पत्नी बराबर उनको उलाहना देती रहती है। एक दिन उनकी पत्नी ने उन्हें घर से निकाल दिया तो अनपढ़ गोपाल एक संत के आश्रम पर जाकर आश्रय लिया। गोपाल को गाय चराने का कार्य मिला। संत ने गोपाल से कहा कि आज से श्रीराम को पिता व सीता जी को माता मानना होगा और आज से तुम जब भी प्रसाद ग्रहण करना भगवान को भोग लगाकर ही करना। संत ने गोपाल को कुछ राशन देते हुए कहा कि गाय चराते अगर संध्या हो जाए तो वहीं पर अपना प्रसाद बनाकर खा लेना। भक्ति गोपाल सच्चे हृदय के थे रोज गाय चराने जाते और बिना भगवान के भोग लगाए प्रसाद नहीं ग्रहण करते। एक दिन भक्त गोपाल खाना नहीं बना पाए तो यह देखकर श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान सभी आकर गोपाल के लिए खाना बनाते हैं। इधर संत ने देखा कि मंदिर से सभी मूर्तियां गायब है, तो वह ढूंढते ढूंढते वन में पहुंचते हैं और सभी बातें पता चलने पर भक्त गोपाल को अपने हृदय से लगा लेते हैं। उक्त लीला का दर्शन कर श्रद्धालु भाव विभोर हो जाते है। लीला के दौरान पुरा परिसर दर्शकों से खचाखच भरा हुआ रहा।









