गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन देव -पूजन के साथ नौ कुंडीय यज्ञशाला में गायत्री महामंत्र का हुआ आयोजन
विचार प्रदूषण से मुक्ति के लिए गायत्री महायज्ञ- रामानंद तिवारी




न्यूज़ विज़न। बक्सर
गायत्री शक्तिपीठ के दसवें वार्षिकोत्सव समारोह के दूसरे दिन मूर्तियों का दशविध – स्नान ,श्रृंगार एवं देव -पूजन के साथ नौ कुंडीय यज्ञशाला में गायत्री महामंत्र, महामृत्युंजय मंत्र ,शिव गायत्री ,सूर्य गायत्री एवं प्रखर प्रज्ञा -सजल श्रद्धा के मंत्रो से यज्ञ देवता को प्रसन्न करने एवं मानव मन को प्रदूषित होने से बचाने के लिए यज्ञ कुंडों में हजारों आहुतियां दी गई।











इस दौरान आसपास के क्षेत्र पूरा वैदिक मंत्र उच्चारण से गूंजायमान हो गया। देव शक्तियों यज्ञ में आओ आहुतियां स्वीकार करो जन कल्याण करो एवं हे ऋजवित होताओ ह आओ -आओ यह यजन करो आदि गीतों ने जनमानस को यज्ञ करने के लिए श्रद्धा से चला। यज्ञ में मुख्य यजमान रामवती देवी चंद्रपुरा महिला मंडल की प्रमुख ने देव पूजन किया।
संध्याकालीन का सत्र 4:00 बजे से परिवार निर्माण के गीत से शुरू हुआ। प्रज्ञा पुराण के परिवार खंड की कथा कर कथावाचक ने सबके मन को अंदर तक छू लिया। इतने रन दिए हैं कैसे जिससे देश महान है भारत की परिवार व्यवस्था ही रत्नों की खान है गीत ने संस्कार परंपरा को अपनाने के लिए विवश किया दीप महायज्ञ में अपने मन के मैल को मिटाने एवं अपने बच्चे -बच्चियों में संस्कार भरने के लिए सभी भाई -बहनों ने एक-एक दीप जलाया।
गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी रामानंद तिवारी ने बताया कि यह वार्षिकोत्सव कार्यक्रम लोगों के मन के मैल को धोने एवं बच्चे -बच्चियों में अच्छे संस्कारों को स्थापित करने के लिए ही किया जाता है, श्री तिवारी ने बताया कि 17 दिसंबर को संस्कार प्रधान यज्ञ होगा संकल्प गोष्ठी एवं महाप्रसाद के साथ समारोह का समापन हो जाएगा। दीप महायज्ञ में हजारों भाई- बहनों ने यह के देवता के चरणों में आहुतियां समर्पित की।

