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अधिकारियों व वैज्ञानिकों को किसानों के घर पहुंच खाद, बीज उपलब्ध कराने के साथ योजनाओं की जानकारी देना चाहिए : कृषि मंत्री 

कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर मे “विकसित कृषि संकल्प अभियान” कार्यक्रम का हुआ आयोजन

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

मंगलवार को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री, भारत सरकार रामनाथ ठाकुर की उपस्थिति मे कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर द्वारा विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसान जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।  इस दौरान लालगंज ग्राम स्थित कार्यालय सह प्रक्षेत्र मे पौधारोपण उपरांत आयोजित कार्यक्रम मे जिले के कृषक उत्पादक संगठन, इफको एवं प्रगतिशील किसानों द्वारा लगाये गये कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए भ्रमण कर प्रदर्शित तकनीकियों की जानकारी ली। साथ ही निर्धारित कृषि संवाद कार्यक्रम का विधिवत द्वीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना एवं बिहार व झारखण्ड राज्य मे अभियान के नोडल अधिकारी डॉ0 अनुप दास ने मुख्य एवं आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए विकसित कृषि संकल्प अभियान की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 29 मई से चल रहे देशव्यापी अभियान के तहत बिहार एवं झारखण्ड राज्यों के सवा आठ लाख से अधिक किसानों के साथ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा संवाद कर उन्हें कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के साथ-साथ खरीफ फसल उत्पादन की उन्नत तकनीकियों के प्रति जागरूक किया गया।

 

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ0 पी0 एस0 पाण्डेय, कुलपति, डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वय से किसानों के बीच जिले मे चार मशरूम उत्पादन इकाईयाँ कार्यरत हैं जिसमें उत्पादन के साथ-साथ मूल्य सवंर्द्धित उत्पाद जैसे-बिस्कुट, नमकीन एवं पाउडर का भी किसानों द्वारा उत्पादन कर आय अर्जित किया जा रहा हैं। साथ ही ग्रामीण नवयुवक एवं नवयुवतियों को रोजगारपरक जैसे-सिलाई, ड्रोन चालन एवं भारी कृषि यंत्रों के संचालन व रखरखाव समेत कृषि संबंद्ध प्रशिक्षण लेने हेतु विश्वविद्यालय से अधिक से अधिक संख्या मे आवेदन करने के लिए प्रेरित किया।

कृषि मंत्री ने कार्यक्रम  पदाधिकारियों को किसानों के दरवाजे पहुंच अच्छी बीज, अच्छी खाद के साथ योजनाओ को जानकारी देने की बात कहा।  उन्होंने कृषि अनुसंधान, उन्नत तकनीकियो, नवाचार, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, बीज एवं पौध उत्पादन, आदि प्रसार गतिधियों के माध्यम से किसानों को और अधिक जागरूक कर उन्हें तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने की बात कही। साथ ही वैज्ञानिकों, कृषि एवं संबंधित अधिकारियों व प्रसार कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा किसानों के खेत पर जाने पर बल दिया। अटारी जोन-4 के निदेशक डॉ0 अंजनी कुमार ने मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए किसानों को प्राकृतिक खेती, महत्व एवं संभावनाओं की तकनीकी से अवगत कराया।

कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ0 देवकरण ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम मे आमंत्रित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान संस्थान, मुजफ्फरपुर के निदेशक डॉ0 विकास दास, उपस्थित प्रधान वैज्ञानिक डॉ0 मुन्नवर, डॉ0 उज्ज्वल कुमार, डॉ0 विकास सरकार समेत राज्य सरकार के संयुक्त निदेशक कृषि एवं पादप सुरक्षा, वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 पारसनाथ, डॉ0 प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव, डीन कॉलेज ऑफ फिशरीज, जिला कृषि पदाधिकारी बक्सर, उप-परियोजना निदेशक आत्मा, आदि उपस्थित थे।

जिले के विभिन्न प्रखंडों से लगभग 800 महिला एवं पुरूष किसानों ने कार्यक्रम मे भाग लिया तथा केन्द्र के हरगोबिंद, रामकेवल, आरीफ प्रवेज, रवि चटर्जी, राकेश मणि, राजेश कुमार राय, सरफराज अहमद खान, मुकेश, आदि ने सहयोग दिया। इस कार्यक्रम में 10 से अधिक प्रगतिशील कृषको , कृषक उत्पादक संगठनो, इफको , मधुमक्खी पालक, मशरूम उत्पादक, जौ,चना से सत्तू उत्पादक कृषक उत्पादन संगठन , तरबूज एवं खरबूज उत्पादक कृषक आदि को उत्कृष्ट प्रदर्शनी के लिए प्रशस्ति पत्र भी दिया गया।

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