जलवायु सहनशील तकनीकियों से खेती कर 10-15% प्रति हेक्टेयर अधिक उपज बढ़ा रहे है किसान




न्यूज़ विज़न। बक्सर
कृषि विज्ञान केन्द्र संचालित परियोजना जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत जिले के सदर प्रखंड-बक्सर अन्तर्गत रामोबरिया, दलसागर, हरिकिशुनपुर, चुरामनपुर और बालापुर गाँव मे जलवायु सहनशील तकनीकियों का प्रदर्शन (जैसे-धान की सीधी बुआई, मेढ़ पर अरहर व मक्का फसलों की बुआई, सुखा व बाढ़ सहनशीन धान प्रभेदों का प्रयोग, सुक्ष्म सिंचाई विधियाँ एवं प्रयोग, पोषक तत्वों प्रबंधन, जीरो टीलेज तकनीकी द्वारा गेहँू की बुआई, फसल अवशेष प्रबंधन, भुमि का समतलीकरण, आदि ) बड़े पैमाने पर खरीफ, रबी एवं जायद मौसम मे किया जा रहा है।








इस वर्ष खरीफ मौसम के तकनीकी प्रदर्शन धान प्रभेद बी0पी0टी0-5204 की पंक्तिबद्ध रोपाई कुल 24 हेक्टेयर क्षेत्रफल मे 72 किसानों के प्रक्षेत्र पर किया गया। बीते बुधवार को फसल कटाई एवं उपज आंकलन हेतु हरिकिशुनपुर निवासी नन्दजी गोपाल पाण्डेय उर्फ मुन्ना पाण्डेय के खेत मे लगे धान की कटाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमे कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह प्रमुख, डॉ. देवकरन, किसान सलाहकार श्री ओम प्रकाश, अरविन्द कुमार, एसआरएफ समेत कृषक बंधु सिद्धनाथ पाण्डेय, कल्लू राम, प्रमोद कुमार गौड़ आदि उपस्थित थे। आँकड़ा संग्रह 10X5 मीटर क्षेत्रफल मे किया गया। कुल दाने का वजन 30.8 किलोग्राम प्राप्त हुआ जो प्रति हेक्टेयर उपज 61.6 क्विंटल दर्शाता है। साथ ही कुल पुआल का वजन 123.75 किलोग्राम प्राप्त हुआ जो प्रति हेक्टेयर 247.5 क्विंटल को दर्शाता है। जबकि, पुआल मे नमी लगभग 30% से अधिक व प्राप्त दानों मे नमी लगभग 18% से अधिक पाई गई।



उपज परिणाम से कृषक बंधुगण काफी खुश दिखे एवं बढ़े उपज से आमदनी मे निश्चित वृद्धि होगी। उनका कहना है कि परंपरागत तरीके की तुलना मे प्रदर्शित वैज्ञानिक तकनीकियों के प्रयोग से 10-15% प्रति हेक्टेयर अधिक उपज हो रहा है एवं बीमारी भी कम लग रही है। पंक्ति मे सूर्य की रोशनी आने से प्रकाश सश्लेषण अधिक एवं कल्ले की संख्या 7-10% अधिक होता है। डॉ0 देवकरन ने इस मौके पर कार्यक्रम मे उपस्थित किसान भाईयों को समय से बीज बुआई, फसल रोपनी, समेकित पोषक तत्व प्रबंधन, कीट रोग व्याधि प्रबंधन, सिंचाई और फसल कटाई पर जागरूक करते हुए जलवायु सहनशील तकनीकियों के प्रयोग द्वारा ज्यादा से ज्यादा उपज प्राप्त करने पर बल दिया।

