राष्ट्रीय लोक अदालत में 1249 मामलो का समझौते के आधार पर हुआ निबटारा
वादों के निबटारा के लिए बनाए गए थे कुल 12 बेंच




न्यूज विजन । बक्सर
शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में वर्ष 2023 की तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार आनंद नंदन सिंह जिला पदाधिकारी सह उपाध्यक्ष अंशुल अग्रवाल, विवेक राय जिला प्राधिकार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव, बबन ओझा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, व्यवहार न्यायालय एवं उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उदघाटन किया। वही मंच सञ्चालन विष्णु दत्त द्विवेदी पैनल अधिवक्ता ने किया।

सम्बोधित करते हुए जिला न्यायाधीश ने कहा कि, लोक अदालत एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है। इसमें ना कोई पक्ष जीतता है, ना ही कोई पक्ष हारता है इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है। लोक अदालत में आने वाले वाद के सभी पक्षकारों को लोक अदालत पर मैं स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन वे करवाएंगे।








डीएम ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम के अंतर्गत देश के सभी जिला न्यायालय में सुलहनिय वादों के निष्पादन, लोगों को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया है। इसका मुख्य कारण जिले के आम जनमानस को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना, विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना, साथ ही जिला न्यायालय में लंबित सुलहनिय वादों को चिन्हित कर दोनों पक्षकारों के बीच मध्यस्थता करवाकर उनके बीच हुए मनमुटाव, आपसी बैर को खत्म कर समाज के लोगों के बीच आपसी सौहार्द बनाए रखना है। इसी कड़ी में आज देश के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय में किया जा रहा है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, विवेक राय ने कहा कि इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं। वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने- अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता। यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके। साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है। साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में सम्मिलित होने वाले सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन भी उन्होंने दिया। उन्होंनें कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है। जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए मुकदमो को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है। दोनो पक्षों के सुलह होने पर अवार्ड बनता है, जिससे दोनो पक्षो को दिया जाता है, और एक कॉपी न्यायालय में भी रखा जाता है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 757 व भारत संचार निगम लिमिटेड के 10, ग्राम कचहरी के 0 , आपराधिक 179 वाद, चेक बाउंस के 00, मोटर वाहन अधिनियम के 04 जिसमे 86,83,977/- रुपए की रिकवरी की गई, विद्युत वाद के 232 मामले का निपटारा कराया गया। जिसमे 74,04,574 /- रुपए जिले के विभिन्न बैंकों ने 743 मामलों जिसमे 14,23,000/- रुपए में हुए निष्पादन में इस दौरान कुल 40 करोड़ 96 लाख 82 हजार 08 सौ 93 रुपए की रिकवरी किया।



मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अवर न्यायिक दंडाधिकारी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, आदि पैनल अधिवक्ता, अन्य संबंधित उपस्थित थे।

