विप्र, धेनु, सुर और संत ये सनातन धर्म के प्रशस्त स्तंभ हैं – भारत भूषण




न्यूज विजन । बक्सर
धर्म से ही पृथ्वी धारित होती हैं। सभी प्राणियों का अस्तित्व और आदर्श धर्म ही है। विप्र, धेनु, सुर और संत ये सनातन धर्म के प्रशस्त स्तंभ हैं। रावण और उसके लोगों द्वारा इसी वैदिक धर्म पर आघात होने लगा था। हिमालय में कौशिकी नदी के तट पर तपस्या कर रहे महर्षि विश्वामित्र जी सिद्धाश्रम में आए। राक्षसों के उपद्रव से विश्वामित्र महर्षि चिंतित हो गए और भगवान के श्रीरामावतार का ध्यान किया। वे ही इन उपद्रवी-असुर-अराजक तत्त्वों का उद्धार करेंगे और यज्ञ, धर्म और तप की संस्कृति की रक्षा करेंगे। उक्त बाते सिद्धाश्रम रामरेखा घाट स्थित रामेश्वर नाथ मंदिर परिसर में चल रहे श्रीराम कथा के पांचवें दिन प्रवचन करते हुए प्रख्यात भागवत-वक्ता आचार्य डॉ भारतभूषण जी महाराज ने कहा। आगे उन्होंने कहा कि महर्षि विश्वामित्र ने अयोध्या से गुरुदेव वशिष्ठ की सहायता से श्रीराम और लक्ष्मण को सिद्धाश्रम में लाकर रावण के द्वारा प्राप्त चुनौती का समापन किया। इस अवसर पर पूजन – अर्चन मुख्य यजमान कमलेश्वर तिवारी ने स्वागत मंदिर के सचिव रामस्वरूप अग्रवाल ने तथा संचालन ब्रजकिशोर पांडेय ने किया।

