गोलंबर से डुमरांव जाने वाली सड़क की बदहाली बनी जानलेवा




न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिले के गोलंबर से डुमरांव तक जाने वाली महत्वपूर्ण सड़क जो नदाँव, जगदीशपुर, कुल्हड़िया, बसौली, निधुआ, सम्हार समेत कई गांवों को जोड़ती है, अपनी जर्जर अवस्था को लेकर चर्चा में है। यह सड़क अब मात्र एक रास्ता नहीं, बल्कि लोगों के लिए रोज़मर्रा की जानलेवा चुनौती बन गई है। जगह-जगह गहरे गड्ढे, कीचड़ और टूटी पड़ी सड़क ग्रामीणों के लिए भारी मुसीबत का कारण बनी हुई है।







यह वही सड़क है जो विश्वप्रसिद्ध पंचकोशी परिक्रमा के दूसरे पड़ाव नारद आश्रम, नदाँव तक जाती है। परिक्रमा के समय प्रशासन गड्ढों को मिट्टी और गिट्टी से अस्थायी तौर पर भरकर खानापूर्ति करता है, लेकिन स्थायी समाधान की दिशा में आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

जनप्रतिनिधि भी इस सड़क से होकर गुजरते हैं, फिर भी हाल बेहाल
सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि यह वही सड़क है जो पूर्व मंत्री ददन पहलवान, पूर्व विधान पार्षद स्व. नंदकिशोर राम, पूर्व राज्यसभा सांसद नागेंद्र नाथ ओझा, और वर्तमान सदर विधायक मुन्ना तिवारी के गांवों को जोड़ती है। इसके बावजूद सड़क की हालत ऐसी बनी हुई है जैसे किसी ने वर्षों से इसकी ओर मुड़कर नहीं देखा।
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
सड़क की नारकीय स्थिति से तंग आ चुके ग्रामीण अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। वार्ड पार्षद मंटू कुमार “बबुआ जी”, पृथ्वीनाथ सिंह, अंकित द्विवेदी, विश्वजीत यादव, गुड्डु चौहान, रूपा जी, सतीश कुशवाहा, मुन्ना मेहता सहित हजारों लोगों ने एक सुर में विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी है।
ग्रामीणों का साफ कहना है –
“जब हमें सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं मिल सकती तो फिर वोट क्यों दें? अबकी बार नारा है – सड़क नहीं तो वोट नहीं।”
प्रशासन और सरकार से मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि इस सड़क की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्य को अविलंब शुरू किया जाए। यदि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने फिर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया तो यह मुद्दा आने वाले चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

