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नियमित योग से महिलाएं पीसीओएस जैसी गंभीर समस्या से पा सकती है निजात : डॉ रश्मि 

पीसीओएस जागरूकता कार्यक्रम के तहत डॉ रश्मि ने एमपी हाई स्कूल की छात्राओं को किया जागरूक 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जिसे आमतौर पर पीसीओएस के नाम से जाना जाता है महिलाओं में होने वाली एक गंभीर समस्या है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया भर में प्रजनन आयु के अनुमति 8-13% महिलाएं  पीसीओएस से प्रभावित है ऐसे में इस समस्या के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल सितंबर में पस जागरूकता माह मनाया जाता है इसी क्रम में सोमवार को शहर के एमपी हाई स्कूल में प्राचार्य विजय कुमार मिश्रा की उपस्थिति में  गंगा राम हॉस्पिटल न्यू दिल्ली की पूर्व वरीय चिकित्सक स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ एमबीबीएस डीजीओ एवं रश्मि मैटरनिटी एंड सर्जिकल क्लिनिक डॉ रश्मि रानी द्वारा स्कूल की नौवीं एवं दसवीं की छात्राओं के बीच पहुंच इसके लक्षण एवं समाधान की जानकारी दी गयी।

 

 

डॉ रश्मि ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि पीसीओएस के प्रति लापरवाही महिलाओ के लिए घातक बन जाता है। वही इसके लक्षण के बारे में बताया की इस बीमारी में हैवी ब्लीडिंग होना, अनियमित पीरियड, डेट पीरियड का कभी कम और कभी ज्यादा होना, स्पॉटिंग, गर्दन के आसपास या स्क्रीन पर काले धब्बे होना, अचानक स्क्रीन का ऑयली हो जाना और स्क्रीन पर मुंहासे दिखना, चेहरे पर अनचाहे बाल या शरीर पर बाल आना, बांझपन, सर के बालों का झड़ना, इंसुलिन का स्तर हाई होना, मूड में ज्यादा बदलाव होना, वजन कम करने में परेशानी होना, पीरियड से पहले बॉडी में वाटर रिटेंशन, पीरियड से पहले या पीरियड्स के दौरान मीठा खाने की इच्छा होना। ये सभी लक्षण आये तो इसके लिए आप सभी को घबराना नहीं है पहले घरेलु नुस्खे अपनाना है जैसे यह सुनिश्चित करना होगा कि आप हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट का व्यायाम करें। जो 5 दिनों के लिए 30 मिनट या सप्ताह में 3 दिन 45-50 मिनट के बराबर है। शक्ति प्रशिक्षण वाले कसरत ज्यादा करें। कम जीआई खाद्य पदार्थों पर अधिक ध्यान दें। ऐसे में क्रूस वाली सब्जियां, हरी पत्तेदार, फलियां और प्रोटीन जैसे चिकन, मछली और अंडे का सेवन करें। आप फाइटोएस्ट्रोजन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे अलसी, मेथी के बीज आदि भी शामिल कर सकते हैं क्योंकि ये एंडोक्राइन सिस्टम को सपोर्ट करते हैं। इसके साथ ही डॉ रश्मि ने कहा की सबसे जरुरी 8 घंटे की नींद को हेल्दी स्वास्थ्य की कुंजी माना जाता है। पर्याप्त नींद लेने से शरीर में सूजन को कम करने में मदद मिलती है। साथ यह एंडोक्राइन सिस्टम होमियोस्टेसिस को भी बनाए रखता है, जो मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने का काम करता है। इसके बाद भी अगर पीसीओएस से छुटकारा नहीं मिलता है तो आसपास किसी महिला चिकित्सक से मिलें। मौके पर डॉ पार्थ सारथी एवं स्कूल के अन्य शिक्षक मौजूद रहे

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