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गोकुल जलाशय-पक्षी विशेषज्ञों/बर्ड वॉचर्स के लिए अनूठा प्राकृतिक धरोहर : डीएम 

गोकुल जलाशय में प्रवासी पक्षियों लगता है महाकुंभ

न्यूज़ विज़न।  बक्सर

बुधवार को डीएम अंशुल अग्रवाल एवं प्रद्युम्न गौरव के द्वारा  गोकुल जलाशय के विकास से संबंधित कार्यों का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया। गोकुल जलाशय अंचल ब्रह्मपुर एवं चक्की अंतर्गत अवस्थित है। अंचल चक्की में पड़ने वाले सभी मौजा का सीमांकन किया जा चुका है। अंचल ब्रह्मपुर में शेष सीमांकन का कार्य कराया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता डुमरांव को निर्देशित किया गया कि अपने अनुश्रवण में सीमांकन का कार्य शीघ्र करना सुनिश्चित करेंगे। कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य प्रमंडल बक्सर को निर्देशित किया गया कि जलाशय के समीप पथ की मरम्मति कराना सुनिश्चित करेंगे।

 

वन प्रमंडल पदाधिकारी बक्सर द्वारा बताया गया कि गोकुल जलने के समीप रेस्क्यू सेंटर,इंटरप्रिटेशन सेंटर, टूरिस्ट हब, वॉच टावर, गेस्ट हाउस आदि का निर्माण कार्य हेतु कार्य योजना बनाई जा रही है। डीएम द्वारा बताया गया कि प्रति वर्ष गोकुल जलाशय में प्रवासी पक्षियों का महाकुम्भ लगता है। 65 प्रजातियों के लगभग 3500 यहां आते है। जिसमें नॉर्दर्न शोवलर, गार्गेनी, रूडी शेलडक, ऑस्प्रे, केस्ट्रेल, सैंडपाइपर, येलो वैगटेल के साथ-साथ प्रवासी और दुर्लभ प्रजातियों की पक्षी जैसे इजिप्शियन वल्चर (सफेद गिद्ध) भी सम्मिलित हैं। बिहार में वर्ष 2022 से लगातार सबसे अधिक प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां यहां देखने को मिली है।

जिला पदाधिकारी ने बताया कि आर्द्रभूमि पृथ्वी के जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आर्द्रभूमि विभिन्न प्रकार की प्रजातियों का घर है जो जल शुद्धिकरण और बाढ़ नियंत्रण जैसी परिस्थितियों से निपटने में सहयोगी होता हैं। गोकुल जलाशय को आर्द्रभूमि के रूप में घोषित किया गया है।

हाल ही में Asian waterbird census 2025 (एशियाई जलपक्षी गणना) की गई। यह गणना 28 मार्च से 06 अप्रैल 2025 के बीच की गई। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सदस्य अरविंद मिश्रा के नेतृत्व में बुधवार-गुरुवार को गोकुल जलाशय और गंगा क्षेत्र में पक्षी गणना की गई। इस दौरान विभिन्न प्रजातियों के कई प्रवासी पक्षी भी देखे गये, जिनमें नॉर्दर्न शोवलर, गार्गेनी, रूडी शेलडक, ऑस्प्रे, केस्ट्रेल, सैंडपाइपर, येलो वैगटेल आदि प्रमुख रहीं। गोकुल जलाशय में जलकुम्भी की सफाई और खुला जल क्षेत्र होने के कारण पक्षियों के लिए एक आदर्श आश्रय स्थल बन गया है।

वेटलैंड के महत्व से छात्र-छात्राओं, आम जनों को अवगत कराने हेतु जिला प्रशासन एवं वन प्रमंडल बक्सर के द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व आद्रभूमि दिवस के अवसर पर 02 फरवरी 2025 को विद्यालय के छात्र-छात्राओं को गोकुल जलाशय वेटलैंड भ्रमण कराया गया एवं उन्हें वेटलैंड के बारे में प्रमुख जानकारी से अवगत कराया गया। निरीक्षण के क्रम में वन प्रमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी डुमरांव, प्रखंड विकास पदाधिकारी ब्रह्मपुर, अंचलाधिकारी ब्रह्मपुर, अंचलाधिकारी चक्की एवं अन्य उपस्थित थे।

 

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