मलई बराज योजना के निर्माण से 5630 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा होगी उपलब्ध, डीएम ने किया निरीक्षण
मलई बराज योजना के दूसरे चरण के लिए दो सौ चार करोड़ पंचानबे लाख चौसठ हजार रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिली, निविदा प्रक्रिया के लिए भेजा गया




न्यूज़ विज़न। बक्सर
बुधवार को डीएम अंशुल अग्रवाल ने मलई बराज योजना के निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिसे विगत 15 फ़रवरी को मुख्यमंत्री द्वारा जिले में प्रगति यात्रा के दौरान उद्वह सिंचाई योजना सहित मलई बराज योजना द्वितीय पुनरीक्षित का निर्माण कार्य के लिए घोषणा की गई थी। जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति मंत्रिपरिषद द्वारा 25 फरवरी को प्रदान की गई। उद्वह सिंचाई योजना सहित मलई बराज योजना के लिए द्वितीय पुनरीक्षित का निर्माण कार्य के तहत दो सौ चार करोड़ पंचानबे लाख चौसठ हजार रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।








डीएम ने बताया कि सोन नहर प्रणाली अन्तर्गत केसठ-03 वितरणी एवं भोजपुर वितरणी, अंतिम छोर पर अवस्थित रहने के कारण सिंचाई के समय जलस्राव का अभाव होता है। जिससे बक्सर जिले के चौंगाई, ब्रह्मपुर, केसठ, नावानगर क्षेत्र के सिंचाई क्षेत्र में किसानों को कठिनाई होती है। सरकार के इस निर्णय से केसठ-3 वितरणी एवं भोजपुरी वितरणी के अंतिम बिंदु तक सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। जिससे चौंगाई, ब्रह्मपुर, डुमरॉव, केसठ, नावानगर प्रखंड क्षेत्र के लगभग 5630 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा पुनर्स्थापित की जा सकेगी। इससे किसानों को लाभ पहुँचेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि मलई बराज योजना अंतर्गत पूर्व से बराज निर्मित है। पूर्व में पानी को रोक कर सिंचाई की व्यवस्था किया जाना था। परंतु अब बैराज के पास ही पम्प हाउस का निर्माण कर पानी को लिफ्ट कर भोजपुर एवं केसठ-3 वितरणी में उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यपालक अभियंता सिंचाई प्रमंडल नावानगर ने बताया कि उद्वह सिंचाई योजना अंतर्गत मलई बराज के शेष दो स्पेन का क्रेस्ट निर्माण कार्य, मलई बराज के पास पंप हाउस का निर्माण, पम्प हाउस का अप्रोच चैनल का निर्माण कार्य, पम्प हाउस से केसठ-3 वितरणी तक पाइप लाइन कार्य, पम्प हाउस से भोजपुरी वितरणी तक पाइप लाइन कार्य आदि कराया जायेगा।



कार्यपालक अभियंता सिंचाई प्रमंडल नावानगर ने बताया कि निर्माण कार्य के लिए निविदा प्रकाशन हेतु जल संसाधन विभाग को भेज दिया गया है। उद्वह सिंचाई योजना के कार्यान्वयन से रोहतास जिला के दावथ प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त 3000 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में भी सिंचाई व्यवस्था पुर्नस्थापित की जा सकेगी। निरीक्षण के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी डुमरांव, वरीय उप समाहर्ता-सह-प्रखंड विकास पदाधिकारी नावानगर, कार्यपालक अभियंता सिंचाई प्रमंडल नावानगर, मुखिया रूपसागर पंचायत, अंचलाधिकारी नावानगर एवं स्थानीय कृषक उपस्थित थे।

