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“मां है तो मुमकिन है” – पाथवेज वर्ल्ड स्कूल में मातृ दिवस पर भावनाओं से भरा कार्यक्रम आयोजित 

मातृत्व के समर्पण और निस्वार्थ प्रेम को समर्पित हुआ एक भावनात्मक दिन; छात्रों ने गीत, नृत्य, भाषण और कला से मां को किया नमन

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

शनिवार को डुमरांव नगर के पूर्वी गुमटी के समीप स्थित पाथवेज वर्ल्ड स्कूल डुमरांव शाखा एवं बिहार सेंट्रल स्कूल बक्सर के संयुक्त तत्वावधान में मातृ दिवस के उपलक्ष्य में एक भावनात्मक और प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह वार्षिक कार्यक्रम माताओं के प्रेम, त्याग और समाज में उनके अमूल्य योगदान को समर्पित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की प्राचार्या नेहा सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके पश्चात छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। “लुका छुपी बहुत हुई, सामने आजा मां”, जिससे पूरे माहौल में भावनात्मक ऊर्जा भर गई। छात्रों ने एक सुंदर नृत्य प्रस्तुति भी दी जिसमें “उंगली पकड़ फिर से सीखा दे मां, तेरी उंगली पकड़ चलना सीखा” जैसी पंक्तियों ने सभी की आंखें नम कर दीं। कार्यक्रम की एक खास बात यह रही कि बच्चों ने अपनी मांओं के लिए स्वयं बनाए गए मदर्स डे गिफ्ट प्रस्तुत किए। इन हस्तनिर्मित उपहारों में बच्चों की सृजनात्मकता और मां के प्रति उनके प्रेम की झलक साफ दिखाई दी।

सीनियर कक्षा के छात्रों ने मातृत्व पर आधारित भाषण दिए और एक नाट्य प्रस्तुति भी दी, जिसने दर्शकों को भीतर तक छू लिया। विशेष रूप से कक्षा 7 की प्रस्तुति को सभी ने भरपूर सराहना दी। विद्यालय के डायरेक्टर डॉ. आर. राघवन ने अपने भावुक संबोधन में कहा कि “मां सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड की सबसे पवित्र भावना है। यह शब्द जब भी हमारे कानों में गूंजता है, उसमें प्रेम, त्याग, बलिदान और अनंत स्नेह की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। मां की ममता किसी भी परिभाषा से परे है। वह न केवल जीवन देती है बल्कि जीवन को दिशा भी देती है।”

 

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