चौसा का किसान आंदोलन राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है, इसे सत्ता के अधिकारों और दमन की ताकतों से कुचला नहीं जा सकता : दिनेश कुमार
किसान आंदोलन को तेज करने के लिए पंचायत भवन बनारपुर में प्रभावित किसानों की हुयी बैठक




न्यूज़ विज़न। बक्सर
चौसा थर्मल पावर प्लांट से प्रभावित दो दर्जन से अधिक गांवों के किसानों की बैठक पंचायत भवन में आयोजित की गयी जिसमे आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया गया। और यह घोषणा की गई कि जब तक किसानों की सारी मांगे मान नहीं ली जाती और किसानों के उत्पीड़न में शामिल अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। बैठक की अध्यक्षता बनारपुर की जुझारू और वृद्ध महिला तेतरी देवी ने किया।








पंचायत भवन बनारपुर में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के बिहार प्रभारी दिनेश कुमार ने कहा कि बक्सर का किसान आंदोलन अब यह राष्ट्रीय आंदोलन का रूप धारण कर चुका है और अब इसे सत्ता के अधिकारों और दमन की ताकतों से कुचला नहीं जा सकता। बक्सर के किसानों के घरों को तोड़फोड़ और लूटपाट करते हुए पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी सीसीटीवी और अन्य कैमरों में कैद है। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। फिलहाल राज्य सरकार द्वारा एफआईआर दर्ज कराने में टालमटोल किया जा रहा है। इस मामले में पटना उच्च न्यायालय में शीघ्र ही रिट दाखिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा एक गैर राजनीतिक जन आंदोलन है और यह किसानों के सवाल को लेकर मजबूती से लड़ रही है।



बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि बक्सर के किसानों को न्याय दिलाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा शीघ्र ही आंदोलन तेज करने की योजना को मूर्त रूप देने जा रही है। बक्सर के भ्रष्ट अफसर, चोर नेता और बर्बर पुलिस की सांठगांठ के चलते किसानों के साथ जिस तरह की दमनात्मक कार्रवाई हुई, उसी का परिणाम है कि पूरे शाहाबाद और मगध रीजन में भाजपा और जदयू का खाता नहीं खुला। यह भ्रष्ट अफसर कुछ दिन और रह गए तो विधानसभा में भी सुपरा साफ होना तय है। श्री सिंह ने कहा किसान आंदोलन को सिर्फ किसानों से मतलब है और यह लड़ाई हर हाल में किसानों, मजदूरों,युवाओं एवं महिलाओं के सहयोग से लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि जमीन के मुद्दे और चौसा के आंदोलन के साथ अन्य किसानों के मुद्दे चाहे वह 60 साल की उम्र से किसानों को ₹10000 पेंशन की मांग का सवाल हो, चाहे वह किसानों को कर्ज मुक्त करो की मांग हो, एम एस पी की कानूनी गारंटी हो, बिहार में फसल बीमा पुनः चालू करो, आवारा पशुओं पर रोक लगाओ, सोन नहर और कदवन जलाशय का नवीनीकरण हो, प्रति लीटर दूध पर ₹10 किसानों को सब्सिडी दो, कृषि के लिए मुफ्त बिजली दो जैसे ज्वलंत सवालों को लेकर हम गांव-गांव में किसानों को गोलबंद करेंगे और एक बड़ी लड़ाई छेड़ेंगे।
सभा को किसान नेता विजय नारायण राय, कृष्ण कांत तिवारी, शैलेश राय ने सम्बोधित किया।मंच संचालन करते हुए जेल से जमानत पर लौटे किसान नेता राम प्रवेश यादव ने कहा चाहे तुम मुझे जेल मे बंद करो या सेल में बंद करो, किसान की लड़ाई हम लड़ते रहेंगे। चाहे तुम जितना दमन करो, किसानों के हौसले पस्त नहीं होंगे। जब तक ग्यारह सुत्री हमारी मांगें पूरी नहीं होगे।हम लड़ेंगे और जीतेंगे। किसान नेता सियाराम यादव, रमेश तिवारी और शिवाजी सिंह ने आंदोलन को तेज करने पर जोड़ दिया।

