सावन की शिवरात्रि पर शिवालयों में उमड़ी शिवभक्तों की भीड़, गंगाजल से किया जलाभिषेक




न्यूज विजन । बक्सर
हर माह पूर्णिमा से एक दिन पहले शिवरात्रि आती है। ऐसे में दो शिवरात्रियों का काफी महत्व है। इनमें से प्रमुख है फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि और दूसरा सावन माह की शिवरात्रि। भगवान शंकर औघड़दानी हैं और पूजन से वे तत्काल प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए शिवरात्रि के दिन श्रद्धालु उपवास कर शिवलिंग की पूजा करते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की गुहार लगाते हैं। सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन सावन शिवरात्रि व्रत रखा जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस वर्ष सावन दो महीने का है। जिसमें शिवरात्रि भी दो बार होगा वही शनिवार को पहली शिवरात्रि के मौके पर जिले भर के शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह से ही शिवमंदिरों पर श्रद्धालु पहुंचने लगे कतारें लगने लगीं। कांवरियों का जत्था हर-हर महादेव का घोष करता हुआ पहुंचता रहा। वहीं शहर के रामेश्वर नाथ मंदिर, नाथ बाबा मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, पातालेश्वर मंदिर, कांचनेश्वर महादेव मंदिर, सिद्धेश्वर महादेव, चरित्रवन स्थित पंचमुखी शिव मंदिर समेत अन्य सभी शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। सुबह से ही महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग लगी लंबी कतारों में श्रद्धालु जयकारे लगाते रहे। इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। मंदिरों को भी फूलो से सजाया गया था। वही मंदिर के आस पास फूलो व बेलपत्र की दुकानें सजी हुई थी। सबसे पहले श्रद्धालु गंगा तट पर पहुंच मां गंगा से जल लेकर मंदिरों में पहुंचकर जलाभिषेक किए।











