रबी मौसम की समसमायिक कृषि संबंद्ध जानकारी के लिए आत्मा द्वारा दो दिवसीय कृषि वार्तालाप का हुआ आयोजन
किसानों से कृषि की नई तकनीकियों को अपनाने का सदर विधायक ने किया आह्वान




न्यूज़ विज़न। बक्सर
किसानों के बीच रबी मौसम की समसमायिक कृषि संबंद्ध जानकारी देने एवं जागरूक करने के उद्देश्य से आत्मा, के प्रायोजन से दो दिवसीय “किसान-वैज्ञानिक वार्तालाप” कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र लालगंज में आयोजित किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि सदर विधायक संजय कुमार तिवारी, डॉ. देवकरन, वरीष्ठ वैज्ञानिक सह प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, अशोक कुमार सिंह, उपाध्यक्ष बीस सूत्री, बेबी कुमारी, उप-निदेशक आत्मा परियोजना द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।











आमंत्रित अतिथियों एवं किसान बंधुओं का स्वागत करते हुए डॉ. देवकरन ने कृषि विज्ञान केन्द्र, की उपलब्धियों के साथ-साथ रबी मौसम की गतिविधियों से किसानों को अवगत कराया। साथ ही फसलों के लिए मृदा का महत्व एवं इसके स्वास्थ्य व फसल की अच्छी पैदावार के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की उपयोगिता पर किसान प्रतिभागियों को जागरूक किया।
मुख्य अतिथि संजय कुमार तिवारी ने कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किये जा रहे कार्यो की प्रशंसा करते हुए किसानों से कृषि की नई तकनीकियों को अपनाने का आह्वान किया। साथ ही पराली को नही जलाने का आग्रह करते हुए फसल अवशेषों के समुचित प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि अशोक सिंह ने किसानों को कार्यक्रम के माध्यम से रबी मौसम की उनकी फसल संबंधी समस्याओं के समाधान को अन्य किसानों को जागरूक करने का सुझाव देने के साथ-साथ अपने अनुभव साझा किये। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र व किसान संवाद मे ’महदह के किसान सत्य नारायण कुशवाहा द्वारा गेहँू की फसल मे खरपतवार ( वनमैथी, अकरी व वनमटर) तथा लहसून फसल के पीलापन की समस्या के समाधान किया गया। चना फसल मे उकठा की बीमारी के लिए बीजोप्चार कर बुआई करने का सुझाव दिया गया। सरसों की फसल मे लाहीं की समस्या के लिए 35-40 एम0एल0 इमिडाक्लोरोपीड दवा प्रति बीघा की दर से 100 लीटर पानी का घोल का छिड़काव एवं बथुआँ खरपतवार के नियंत्रण के लिए मेटसल्फ्यूरॉन मिथाइल दवा की 8 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करने का सुझाव दिया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित किसान श्री डिप्टी सिंह, ब्रह्मेश्वर नाथ, निरंजन सिंह, गामा प्रसाद, पवन सिंह, गोबिंद सिंह, आदि द्वारा प्याज की फसल मे दूधिया घास, सरसों की फसल मे पत्ती गलना एवं फली उपरांत तना का सफेद होना, गेहँू फसल का पीला होना, अमरूद मे कीड़ा लगना, आदि समस्याओं का समाधान बताते हुए उपस्थित विशेषज्ञ हरिगोबिंद, रामकेवल, आरिफ परवेज समेत उप-परियोजना निदेशक आत्मा बेबी कुमारी द्वारा किसानों को तकनीकी जानकारी से अवगत कराया गया। किसान प्रतिभागियों के बीच एग्री फाउन्ड लाईट रेड प्रजाति के प्याज फसल की पौध एवं फसल अवशेष प्रबंधन के लिए वेस्ट डीकम्पोजर का वितरण भी किया गया। विभिन्न प्रखंडों केे 40 से अधिक किसान कार्यक्रम मे सम्मिलिए हुए तथा केन्द्र के श्री रवि चटर्जी, राजेश कुमार राय, सरफराज अहमद खान आदि ने सहयोग किया।

