मनुष्य भगवान का गुणगाण सुने, गायन करें और स्मरण करें तो उसका उद्धार हो जाएगा : उमेश ओझा




न्यूज विजन । बक्सर
श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम नया बाजार में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दुसरे दिन कथावाचक उमेश भाई ओझा ने श्रीमद्भागवत के द्वितीय एवँ तृतीय स्कंध की कथा की मनोहारी व्याख्या कर श्रोताओ का मन मोह लिया।उन्होने माता देवभूति एवँ भगवान कपिल संवाद की व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान कपिल ने माता देवभूति से कहा की मन ही मोक्ष एवं बंधन का कारण है।यदि मन भगवान में आसक्त हो जाए तो मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा संसार में लग जाए तो बंधन का कारण बन जाता है। अतः इस मन को भगवान में ही लगाना चाहिए। साथ ही महाराज जी ने कहा कि परीक्षित जी ने जब शुकदेव जी से प्रश्न किया कि जिस व्यक्ति की मृत्यु नजदीक आ जाए वह कौन सी साधना करें कि उसका उद्धार हो जाए। इस प्रश्न के उत्तर में श्री शुकदेव जी ने कहा व्यक्ति अगर मनुष्य भगवान का गुणगाण सुने, गायन करें और उनका स्मरण करें। इन तीनों कामों से उसका उद्धार हो जाएगा।

