जिले में अबतक महज छः किसानों को मिला डीजल अनुदान
दस दिनों में 136 किसानों ने किया आवेदन, समन्वयको की हड़ताल हुई समाप्त अब आएगी तेजी




न्यूज विजन | बक्सर
जिले में बीते दो माह से बारिश जरूरत के अनुपात बहुत ही कम हुई है। किसान बिचड़ा बचाने और रोपनी के लिए महंगा डीजल जला रहे हैं। बारिश नहीं होने के चलते खेतों की नमी गायब हो गई है। खेतों में दरारें पड़ गई है। कमजोर मानसून के चलते खरीफ फसलों की खेती प्रभावित हो रही है। विकट स्थिति को भांपते हुए सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए डीजल अनुदान देने का प्रावधान किया है। बता दें कि 22 जुलाई से ही अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू है। दस दिनों में काफी कम किसानों ने अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। जिला कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 1 अगस्त तक महज 136 किसानों ने ही योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। जबकि, सरकार यह योजना रैयत और गैर रैयत किसानों के हित को ध्यान में रखकर चला रही है। वहीं जिला कृषि विभाग की माने तो कृषि समन्वयकों की हड़ताल से कार्य प्रभावित हुआ है। हालांकि उनका हड़ताल अब खत्म हो चुका है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में अब तेजी आ जाएगी।
महज 6 किसानों को मिला डीजल अनुदान का लाभ








जिले में महज छह किसानों को ही अब तक डीजल अनुदान का लाभ मिल सका है। उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से 3285 रुपये का भुगतान बातौर अनुदान के रूप में किया गया है। बता दें कि जिले के 136 किसानों ने अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। इसमें कृषि समन्वयकों ने 55 आवेदन को डिस्पोजल किया है और 81 आवेदन अभी पेंडिंग में है। वहीं अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने 9 अावेदन को डिस्पोजल किया है और 2 पेंडिंग है। जिला कृषि पदाधिकारी ने त्रुटियां होने के चलते 33.33 प्रतिशत आवेदन को रिजेक्ट कर दिया है। डीएओ ने 6 आवेदन को अपने स्तर से डिस्पोजल किया है, जबकि उनके यहां एक भी आवेदन पेंडिंग नहीं है। उक्त 6 किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 3285 रुपये का भुगतान कर दिया गया है।
रैयत और गैर रैयत किसानों को मिलेगा अनुदान



रैयत किसानों को आवेदन करते समय लगान रसीद, पेट्रोल पम्प से डीजल क्रय के उपरांत डिजिटल पावती रसीद (डिजिटल वाउचर), जिसमें कृषक पंजीकरण का अंतिम दस अंकित होना चाहिए। अगर पेट्रोल पंप वाला भूलवश वाउचर पर दस अंक की प्रवृष्टि नहीं कर पाता है तो किसानों द्वारा स्वयं पंजीकरण का अंतिम दस अंक अंकित कर हस्ताक्षर युक्त वाउचर, डीजल पावती रसीद पर किसानों का पूर्ण हस्ताक्षर होना चाहिए। अगर किसान हस्ताक्षर के स्थान अंगूठा का निशान देते हैं तो इस परिस्थिति में डीजल पावती रसीद पर कृषि कर्मी का सत्यापन कराकर सम्बंधित साक्ष्य अपलोड कर आवेदन कर सकते हैं। वहीं गैर रैयत किसान जो दूसरे की जमीन पर खेती करते हैं, वे उपरोक्त दस्तावेज के अलावे डीबीटी पोर्टल पर उपलब्ध मैनुअल आवेदन में खेसरा नं., कुल सिंचित रकबा तथा अगल-बगल के दो किसान का नाम एवं उनका हस्ताक्षर कराकर पूर्ण रुप से आवेदन-पत्र को भरकर अपलोड करेंगे।

