RELIGION

जिलेभर के देवी मंदिरो व पूजा पंडालों में माँ दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की हुयी पूजा 

न्यूज़ विज़न ।  बक्सर 

शारदीय नवरात्री के दूसरे दिन सोमवार को जिलेभर के विभिन्न देवी मंदिरो व पूजा पंडालों में शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानि तप का आचरण करने वाली है। माता रानी का यह स्वरूप कठिन क्षणों में संबल व अनंत फल प्रदान करने वाला है। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार व संयम की वृद्धि होती है। 

माँ के भक्तों ने वैदिक मंत्रोचार के बीच वि विधान के साथ अर्घ्य, चंदन, पुष्प, धूप, दीप व नैवेद्य आदि अर्पित कर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा किये और उनकी माता रानी से सदैव कृपा की कामनाएं कीं। शहर के बाईपास रोड माँ काली मंदिर, में रोड स्थित दुर्गा मंदिर में भक्तो की  दर्शन-पूजन के लिए तांता लगा रहा। नवरात्रि के कारण मंदिरों के रौनक बढ़ गए हैं। सुबह से लेकर शाम तक देवी मां के भक्त दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिरों में शाम को विशेष आरती का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें महिला से लेकर पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। आरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किए जा रहे हैं।

  ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानि तप का आचरण करने वाली है : रणधीर ओझा   

वही आचार्य रणधीर ओझा ने बताया कि ब्रह्मचारिणी का अर्थ तप की चारिणी यानि तप का आचरण करने वाली है। देवी का यह रूप पूर्ण ज्योतिर्मय व अत्यंत भव्य है। ये दाएं हाथ में जप की माला व बाएं हाथ में कमंडल धारण करती हैं। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से भक्त को सर्वत्र सिद्धि व विजय की प्राप्ति होती है।

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