दाना पानी के साथ थर्मल पावर प्लांट गेट पर धरना पर बैठ गए है प्रभावित किसान मोर्चा के आंदोलनकारी
11 सूत्री मांगों को लेकर 493 दिनों जारी है किसानों का धरना




न्यूज़ विज़न। बक्सर
चौसा में निर्माणाधीन 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट के मेन गेट के पास डेरा जमाए प्रभावित किसान/मोर्चा से जुड़े आंदोलनकारियों का आंदोलन बुधवार को भी जारी रहा। आंदोलन कर रहे किसान धरना स्थल पर राशन, भोजन पानी लेकर दिन रात डेरा जमे हुए है। निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के गेट के पास बैठे किसानों के आंदोलन के चलते दुसरे दिन भी निर्माण का काम प्रभावित रहा। थर्मल पावर प्लांट के पास भारी संख्या में पुलिस बल दिनभर तैनात रहे।








किसानो द्वारा मार्केट वैल्यू के दर से चार गुणा बढ़ाकर मुआवजा देने, आरएनआर पालिसी लागू करने, नवीनगर एनटीपीसी के तहत प्रभावितों को मिल रही सुविधाएं यहाँ भी देने, सभी रैयतों को मुआवजा मिलने के बाद ही अधिग्रहण की जा रही भूमि पर कार्य करने आदि 11 सूत्री मांगों को लेकर पिछले 17अक्टूबर से प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा, चौसा (बक्सर) के बैनर तले 493 दिनों जारी है। परंतु प्रशासन और कंपनी के द्वारा किसानों की उक्त मांगों को लेकर अपनाई जा रही टालमटोल रवैया और रेल कॉरिडोर के लिए चिन्हित किसानों की भूमि का बगैर मुआवजा व नोटिस दिए ही जबरन पाईप बिछाने की कार्रवाई से क्षुब्ध आंदोलनकारियों ने पिछले दो दिनों से अपना धरना स्थल थर्मल पावर प्लांट के मेन गेट के पास शिफ्ट कर दिया है। और आंदोलन कारियों का कहना है कि जबतक हमारी उपरोक्त मांगे लिखित तौर पर मान नहीं ली जाती तबतक धरनास्थल प्लांट का मुख्य गेट पर ही रहेगा।
बुधवार को इंटक के प्रदेश महासचिव रामप्रवेश सिंह यादव की अध्यक्षता में आयोजित किसान मजदूरों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर चौसा पावर प्लांट के गेट पर चल रहा आंदोलन के समर्थन में धरना स्थल पर पहुंचे किसान वक्ताओं ने कहा कि किसानों की सभी मांगें जायज है। भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जब मार्केट वैल्यू से चार गुणा मुआवजा राशि देने का प्रावधान है तो चौसा के किसान क्यों कम मुआवजा लें।



धरनास्थल पर राशन भोजन पानी का पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था कर दिन रात आंदोलन कर रहे है। रात में भजन कीर्तन भी करते नजर आ रहे है। इस दौरान शिवजी तिवारी, तेतरी देवी, मरछिया देवी, पुनी देवी, कमली देवी, आरती देवी, खेदन चौधरी, शिवदयाल सिंह, राधेश्याम सिंह,अंशु चौबे, जगनारायण सिंह, रामप्यार सिंह, नन्दलाल सिंह, रामाशंकर चौधरी, सर्वाशंकर सिंह, राजेश तिवारी, जितेन्द्र राय, द्वारिका चौधरी, नरेन्द्र तिवारी, अच्छेलाल चौधरी, मुन्ना ठाकुर, गोविंद साह, केशव चौधरी, उपेंद्र पासवान, रामअवध सिंह यादव, लक्ष्मण चौधरी, श्यामलाल चौधरी, भैरव नाथ राय, छेदी राजभर, रामबलि राजभर, ओमकार चौहान, राजेन्द्र तिवारी सहित सैकड़ों किसान मजदूर मौजूद रहे।

