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चौसा के पूर्व पीओ अजय सहाय को मिला राष्ट्रीय जल प्रहरी अवार्ड 2023

मनरेगा के तहत रामपुर में जल संचय हेतू कराए गए कार्यों को लेकर जल शक्ति मंत्रालय ने दिल्ली में दिया सम्मान

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

जिला के चौसा में जल संचय हेतू कराऐ गए कार्य को लेकर पूर्व पीओ अजय सहाय को देश का प्रतिष्ठित जल प्रहरी 2023 सम्मान मिला है . बुधवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दिल्ली में आयोजित एक समारोह में अजय सहाय को सम्मानित किया. अजय सहाय को जल जीवन व हरियाली कार्य के तहत चौसा प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत रामपुर में मनरेगा से कराऐ गए कैच द रेन परियोजना के लिए यह राष्ट्रीय सम्मान दिया गया. जल प्रहरी का राष्ट्रीय सम्मान इस साल का यह सम्मान 16 राज्यों के 33 जल संरक्षकों को दिया गया. यह सम्मान इनको आत्मनिर्भर भारत निर्माण के लिए इनके योगदान के लिए दिया गया. जल प्रहरी सम्मान उनको, चौथे सम्मान समारोह आयोजन में 13 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली के न्यू महाराष्ट्र सदन में प्रदान किया गया ।

 

बिहार से एकमात्र जल प्रहरी अजय सहाय

बिहार प्रदेश से इस सम्मान के लिए एकमात्र अजय सहाय का चयन किया गया था। अजय सहाय चौसा में बतौर पीओ रहते हुए चौसा प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर में सूखाग्रस्त क्षेत्रों में बारिश के पानी का संचय करने हेतू अनेकों कार्य कराए. बक्सर का रामपुर कल भीषण जल संकट से जूझ रहा था. वर्षा के लाखों क्यूबिक पानी जल परिप्रेक्ष्य योजना के अभाव के कारण विभिन्न पईन, नहर से होकर कर्मनाशा एवं धर्मावती नदियों में बह जाता था. किसान देखते रह जाते. लगभग 4241 एकड़ को यह ग्राम पंचायत 500 बोरिंग के प्रयोग से भूमिगत जल दोहन में आने लगी थी, जलस्तर दिनदिन गिरता जा रहा था. छोटे किसान अपना आत्मविश्वास लगभग खो दिया था। आशा की कोई भी किरण नही दिखाई दे रही थी. ऐसे में अजय सहाय के द्वारा जलशक्ति मंत्रालय के कैच र रैन अभियान अन्तर्गत सामुदायिक सहभागिता आधारित अभियान ने लघु एवं सिमांत कृषकों के दिल में आत्मविश्वास जगाया. वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव के आधार ड्रोन द्वारा हवाई सर्वेक्षण पारंपरिक जल निकायों के माप चित्रण के लिए ग्राम पंचायत-रामपुर कला में सामुदयिक भागीदारी से धर्मावती एवं कर्मनाशा नदी एवं नहर के भगौलिक जानकारी प्राप्त करते हुए डिजिटल इंडिया की मदद से आगे बढ़े और किसान गोष्टी, रात्रि चौपाल, नुक्कड़ सभा, स्कूल में जागरूकता अभियान, वार्ड सभा द्वारा ग्राम पंचायत-रामपुर कला के जनता को जल संकट से लड़ने में मजबूत आधार दिया।

 

 250 हेक्टेयर बंजर भूमि की सिंचाई कर कृषि योग्य भूमि बनाया गया

 

करीबन 500 हेक्टेयर बंजर भूमि को कृषि योग्य भूमि बनने के लिए योजना शुरू की। रामपुर कला में 7 चेक डैम, 42 कि मी पुरानी एवं नई नहर व पईन का जिर्णोद्धार, सरकारी एवं निजी तालाब, सोख्ता, पक्का नाला का निर्माण, वृक्षारोपण तथा अन्य कार्यों के द्वारा वर्षा के लगभग 4 लाख क्यूबिक मीटर जल का संग्रह कर 1500 एकड़ भूमि को कृषि योग्य भूमि को सिंचाई एवं 250 हेक्टेयर बंजर भूमि की सिंचाई कर कृषि योग्य भूमि बनाया गया. वर्षा जल कर्मनाशा एवं धरामावती नदी में बेकार में बहने से बचाया गया. गर्मी के मौसम में हैन्डपम्प प्रभावी रूप से क्रियाशील रहते हैं जो पहले बंद पड़ जाते थे. विलुप्त जंगली जानवरों की संख्या बढ़ने लगी और काले हिरण बढ़ने लगे और जल श्रोत वृद्धि से इनकी आबादी 800 से ज्यादा हो गई. धीर धीरे ही सही लेकर तस्वीर बदलने लगी है।

 

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