आजादी के बाद पहली बार वर्ष 2005 के बाद से बिहार में पिछड़ा अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाती जनजाति के लोगो को मिला सम्मान
वर्ष 2007 में कल्याण विभाग के लिए एक हजार आठ सौ 82 करोड़ का बजट बनाया गया, पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओ को मिला सम्मान




न्यूज़ विज़न । बक्सर
2005 से पहले बिहार में पिछड़े समाज के लोगो को मुख्य धारा में लाने के लिए जितना काम करना चाहिए था कुछ नहीं किया गया था। लेकिन 2005 में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का बागडोर संभाला तो 2007 में कल्याण विभाग बनाया और आज पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाती जनजाति समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए, एक हजार आठ सौ 82 करोड़ का बजट बनाया है। जिससे कि इस समाज के लोगो का भी उत्थान हो सके। उक्त बातें शनिवार को भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने परिसदन में प्रेसवार्ता के दौरान कहा।










उन्होंने कहा की हमारे नेता नितीश कुमार पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं और दलितों को जो सम्मान दिया है विपक्षी पार्टियों के लिए आंख का किरकिरी बना हुआ है। 21 वीं सदी का बिहार बनाने के लिए विभिन्न योजनाओ को लागु किया गया जिससे अनुसूचित जाती जनजाति के छात्र छात्राओं के पढ़ने के लिए एक निर्धारित राशि देने का काम किया गया। लेकिन इस देश मे कुछ राजनीतिक पार्टी के नेता आरक्षण पर भी टिका टिपण्णी कर रहे है।
26 नवम्बर को पटना में भीम संसद का आयोजन करेगी जदयू
उन्होंने कहा की 25 जनवरी को राम लला आ रहे है। जिनका दर्शन करने के लिए मैं भी जाऊंगा। लेकिन दुखद है कि धर्म को अपनाने की जगह भारतीय जनता पार्टी के नेता इस पर राजनीति कर रहे है। देश मे भारतीय जनता पार्टी की सरकार बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर आई थी। लेकिन दोनों मुद्दे पर काम करने के बजाए टिका, टोपी, चंदन, रुद्राक्ष को हथियार बनाकर लोगो को गुमराह कर रहे है। 500 रुपये वाला गैस सिलेंडर 12 सौ में मिलने लगा। 65 रुपये के अरहर का दाल आसमान छूने लगा. बेरोगरो कि लंबी कतार लग गई है। लेकिन बीजेपी लोगो को धर्म मे उलझाकर रख दी हैं। वही मंत्री जी कहा की 26 नवम्बर को जदयू राजधानी पटना में भीम संसद का आयोजन करेगी, जिसका निमंत्रण देने के लिए आज हम बक्सर आये हुए हैं।

