गंगा की लहरों पर सजी अनोखी बारात, जब बाढ़ भी न रोक सकीय सात फेरों की राह




बक्सर जिला में आयी बाढ़ की विभीषिका के बीच एक उत्सवी माहौल देखने को मिला जिसमें गंगा की लहरों को पर बारात ले जाने का दृश्य चर्चा का विषय बना हुआ है। जिले के सिमरी दियारा क्षेत्र में, जहां गंगा नदी के उफान और बाढ़ के पानी से घिरे इलाके में एक अनोखी बारात निकली। सड़कें डूब चुकी थीं, पर शादी रद्द नहीं हुई दूल्हा और बाराती नाव पर सवार होकर दुल्हन के घर पहुंचे। यह अनूठी बारात नैनीजोर लाल डेरा गांव के रहने वाले कमलेश राम के पुत्र राजेश कुमार की थी। राजेश की शादी उत्तर प्रदेश के बयासी गांव में तय थी। सब तैयारी पहले से हो चुकी थी, लेकिन अचानक बाढ़ ने सारे रास्ते बंद कर दिए। गंगा के उफान के कारण सड़क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गया। ऐसे में बारात को टालना या रद्द करना मुश्किल था।
इस विषम परिस्थिति में परिवार ने नाव से बारात ले जाने का फैसला किया। सोमवार को जब गांव के लोग सुबह जागे, तो उन्होंने एक अद्भुत नजारा देखा। गंगौली गांव के पास तटबंध के नीचे से एक सजी-धजी नाव पर बारात निकल रही थी। दूल्हा साफा पहने, पारंपरिक पोशाक में नाव पर बैठा था और उसके साथ बाराती भी उसी जोश के साथ मौजूद थे। नाव पर कोई डीजे नहीं था, न ही बैंड-बाजा लेकिन गंगा की लहरों की थपकी और नाविकों की ताल ने माहौल को खास बना दिया। बारातियों ने भी पूरे जोश में ढोलक की जगह तालियों और गुनगुनाहट के साथ उत्सव मनाया।







