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पुलिस दमन की एवं जिला प्रशासन के अमानवीय और घोर अन्याय के खिलाफ संघर्ष के मैदान में पुनः उतरेंगे : संयुक्त किसान मोर्चा

न्यूज़ विज़न।  बक्सर

जिला प्रशासन के जोर-जुल्म, अत्याचार और दर्जनों झूठे मुकदमों में फंसा कर चौसा के क्रांतिकारी किसानों का मनोबल नहीं तोड़ा जा सकता। चौसा किसान आंदोलन के नेता राम प्रवेश सिंह को झूठे मुकदमों में फंसा कर गिरफ्तार करने से आंदोलन कमजोर नहीं होगा। चौसा के किसान पुलिस दमन की एवं जिला प्रशासन के अमानवीय और घोर अन्याय के खिलाफ संघर्ष के मैदान में पुनः उतरेंगे।

 

उक्त बातें संयुक्त किसान मोर्चा बिहार की ओर से प्रेस बयान जारी कर भारतीय किसान यूनियन के बिहार प्रभारी दिनेश कुमार, बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह, ऑल इंडिया अग्रगामी किसान सभा के रामायण सिंह, भारतीय किसान मजदूर विकास संगठन के अनिल कुमार सिंह, प्रभावित किसान खेतिहर संघर्ष मोर्चा चौसा के लाल साहेब उपाध्याय, एन ए पी एम के आशीष रंजन, नेशन फॉर फार्मर के गोपाल कृष्ण, उत्तर बिहार संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष प्रो आनंद किशोर, स्वामी सहजानंद सरस्वती विचार मंच के बैजनाथ शर्मा, कैमूर किसान यूनियन के अभिमन्यु सिंह, किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर के पशुपति सिंह, जागता किसान मंच के नरेश यादव,किसान महासंघ के कमलेश सिंह, मजदूर किसान समिति के मणिलाल, स्वामी सहजानंद सरस्वती आश्रम समिति के अशोक कुमार सिंह, लोक संघर्ष मोर्चा फतुहा के देव कुमार यादव, भारत भूमि संघर्षील किसान यूनियन के भोला यादव, कजरा किसान मजदूर संघर्ष समिति के डॉक्टर दिनकर सिंह, औरंगाबाद किसान संघर्ष समिति के विकास कुमार, मुंगेर टाल बचाओ संघर्ष समिति के राम गुलाम सिंह, मोकामा टाल संघर्ष समिति के चंदन कुमार, जन मुक्ति आंदोलन के हरिलाल प्रसाद सिंह, जन मुक्ति बाहिणी के अशोक प्रियदर्शी, किसान मजदूर संघर्ष समिति के डाॅ श्याम नन्दन शर्मा, गंगा मुक्ति आंदोलन के अनिल प्रकाश, प्रगतिशील किसान संघ के चंद्रशेखर यादव, ए आई एस के पूर्वी के गिरेंद्र नारायण सिंह, मेगा औद्योगिक पार्क प्रभावित किसान संघर्ष मोर्चा के गोपाल शर्मा ने कहा।

 

सभी किसान नेताओं ने रामप्रवेश जैसे जांबाज बहादुर साथी को थाना प्रभारी द्वारा गाड़ी ले जाने के बहाने थाना पर बुलाकर गिरफ्तार करने से आंदोलन खत्म नहीं होगा। सरदार भगत सिंह को फांसी देने से आजादी की लड़ाई कमजोर नहीं हुई। आर एण्ड आर और टी आर एस फंड जो प्रभावित किसानों और मजदूरों को सहायता देने के लिए है। उक्त राशि को लूटने के लिए कंपनी के पदाधिकारी स्थानीय अनुमंडलाधिकारी धीरेन्द्र कुमार मिश्रा एवं  जिला प्रशासन, पूर्व सांसद अश्विनी चौबे और स्थानीय ठेकेदारों का जो गठबंधन बना उसने सैकड़ों करोड़ का घोटाला किया है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। किसानों की हकमारी करने वालों के खिलाफ आवाज बुलंद नहीं हो इसलिए किसानों एवं मजदूरों के ऊपर लगातार भयानक जुल्म ढाए जा रहे हैं और उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाना और गिरफ्तार करना,लूटपाट करना,मारपीट करना यह रोज का दिनचर्या बन गई है। वही संयुक्त किसान मोर्चा ने बिहार सरकार से मांग किया है कि अविलंब चौसा के किसानों को न्याय मिले। वर्ना चौसा के किसान चुपचाप बैठेंगे नहीं। उनके साथ सम्पूर्ण बिहार और देशभर के किसान चौसा पहुंचेगे।

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