RELIGION

गुरु पूर्णिमा पर जिले के सभी मंदिरो मठों व आश्रमों में उमड़ी शिष्यों की भीड़

शिष्यों ने गुरु पूजन कर किया प्रसाद ग्रहण 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

जिले के विभिन्न मंदिरों व मठों एवं आश्रमों में गुरु पूर्णिमा को ले सुबह से शिष्यों की भीड़ देखने को मिल रही है। सुबह में गंगा स्नान के साथ ही शिष्य अपने गुरुओं के आश्रम पहुंच विधि विधान से पूजा अर्चना करते नजर आ रहे है। कई आश्रमों में शिष्यों को अपने गुरु का दर्शन आसानी से मिल जा रहा है तो कई आश्रम और मठों पर शिष्य को कतार में घंटे खड़े रहने के बाद बारी बारी से गुरु का दर्शन प्राप्त हो रहा था।

इसको लेकर जिले के मंदिर, मठ आश्रम में एक दिन पूर्व से ही इसकी तैयारी चल रही थी। दूर दराज से आने वाले शिष्य शनिवार को ही अपने गुरुधाम पहुंच गए थे। बता दें कि हिन्दू धर्म मे गुरु का महत्व भगवान से भी ऊपर कहा गया है।पौराणिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को महर्षि वेद व्यास के जन्मदिन पर गुरु पर्व मनाया जाता है।

गुरु के चरणों की भक्ति ही मानव जीवन के लिए कल्याणकारी होता है : प्रपन्नाचार्य जी महाराज

गुरु ही ईश्वर है कलि युग में भगवान विष्णु और गुरु दोनो मोक्ष प्रदान करने वाले हैं । गुरु के आशीर्वाद से जिंदगी को प्रकाश्यमान किया जा सकता है। गुरु के चरणों की भक्ति ही मानव जीवन के लिए कल्याणकारी होता है। उक्त बाते रविवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बसांव मठ पीठाधीश्वर परम पूज्य श्री श्री 1008 श्री स्वामी अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने भक्तों के बीच अपने अमृतवाणी के दौरान कही। श्री महाराज जी ने कहा की सनातन धर्म में गुरु की अपार महिमा का वर्णन है। माता पिता को भी गुरु की दर्जा दी गई है। इसीलिए प्रातः काल में गुरु और माता पिता के चरणों का दर्शन करना चाहिए। परम पूज्य श्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा की प्रत्येक मानव को अपने गुरु के आचरण के अनुकूल ही जीवन यापन करना चाहिए। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सुबह बसांव मठिया बक्सर राम जानकी मंदिर में भगवान के आरती पूजन के बाद मठ के पीठाधीश्वर श्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज की आरती पूजन हुई , इसके बाद भक्तों के दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ । इस अवसर डॉ उमा शंकर पांडेय, कथा वाचक डॉक्टर राम नाथ ओझा सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।

धन्य हैं बक्सर वासी जो मामाजी महाराज जैसे गुरु का सानिध्य प्राप्त हुआ : राजाराम शरण दास 

वही नया बाजार स्थित श्री सीताराम विवाह आश्रम में गुरु पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान आश्रम में स्थित श्री राम जानकी मंदिर में भक्तों द्वारा जमकर भजन कीर्तन का गायन किया गया। इसके बाद आश्रम के महंत राजा राम सरण दास जी महाराज के नेतृत्व में विधि-विधान के साथ पूज्य भक्तमाली मामाजी महाराज का पूजन किया गया। साथ ही कई क्विंटल पंचामृत से महाराज जी का रुद्राभिषेक किया गया। राजा राम शरण दास जी महाराज ने कहा कि हम लोग धन्य हैं जो ऐसे गुरु का सानिध्य प्राप्त हुआ। इसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद ग्रहण कराया गया।

गुरु भक्त को भगवान से जोड़ने का कार्य करते हैं : त्यागी जी महाराज

चरित्रवन स्थित पूज्य श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के समाधि स्थल पर भी वैदिक विधि विधान के साथ गुरु पूजन का कार्यक्रम किया गया। चरित्रवन लक्ष्मीनारायण मंदिर में गुरुदेव जी महाराज की पूजा-अर्चना की गई है। इस मौके पर काफी संख्या में भक्तगण गुरुवर की दर्शन करने हेतु जुटे। मंदिर के पीठाधीश्वर राजगोपालाचार्य त्यागी जी महाराज ने बताया कि आने वाले अतिथियों व शिष्यों के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि गुरु भक्त को भगवान से जोड़ने का कार्य करते हैं गुरु की कृपा से धन वैभव ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है उन्होंने कहा कि श्री शुकदेवजी महाराज ने राजा परीक्षित को मानव कल्याण के लिए सबसे सहज और सरल उपाय परमात्मा के श्रीचरणों में चिन्तन बताया। जिस अवस्था में जिस व्यवस्था में रहे प्रभु का स्मरण, चिंतन एवं ध्यान निरन्तर करते रहना चाहिये। शास्त्र में बताया गया है कि दान, तप और ध्यान आत्मा के उद्धार व कल्याण का प्रमुख साधन है। वही काफी संख्या में लोगों को समाधि स्थल पर पहुँच गुरुदेव खांकि बाबा सरकार के दर्शन किये।

 

 

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