अंतरराष्ट्रीय तैराक कैप्टन बिजेंद्र सिंह बने बिहार तैराकी संघ का चीफ कोच




न्यूज़ विज़न। बक्सर
जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के सपही गाँव निवासी अंतरराष्ट्रीय तैराक कैप्टन बिजेंद्र सिंह को बिहार तैराकी संघ का चीफ कोच बनाया गया है। संघ की ओर से राजधानी पटना स्थित जीपीओ कैम्पस के सभागार में नए पदाधिकारियों के चयन के लिए बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से कैप्टन बिजेंद्र सिंह को बिहार चीफ कोच मनोनीत किया गया। चीफ कोच बनने पर कैप्टन बिजेंद्र सिंह को बधाई देने वालों का तांता लग गया। बधाई देने वालो में डुमराँव महाराज चन्द्रविजय सिंह, सांसद सुधाकर सिंह,डॉ रमेश सिंह, डॉ आशुतोष सिंह, डॉ वीके सिंह, सैनिक संघ अध्यक्ष रामनाथ सिंह, रेलयात्री कल्याण समिति के अध्यक्ष सुधीर सिंह, भाजपा नेता चुनु सिंह सहित कई लोग शामिल हैं।







कैप्टन बिजेंद्र सिंह पहले भी अंतरराष्ट्रीय रेफरी रह चुके है। लगातार दस सालो तक आर्मी, नेवी और एयरफोर्स का वाटर पोलो गेम में बतौर कैप्टन विश्व स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस बीच इंटरनेशनल तैराकी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर कई गोल्ड मेडल देश के नाम किये। इसी दौरान सन 1986 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए अंतराष्ट्रीय तैराकी में भाग लिया और सवर्ण पदक जीतकर हिंदुस्तान का परचम लहराया। वही 15 किलोमीटर का लंग डिस्टेंस नेशनल तैराकी चैंपियनशिप में लगातार दो बार गोल्ड मेडलिस्ट रहे। जिसके बाद 1987 में सेना की ओर से विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वही 2008 में सेवानिवृत्त होने के बाद अब अपने पैतृक गाँव सपही में ग्रामीण युवाओं को तैराकी के फायदे और जरूरत के बारे में जागरूक करते हुए तैराकी का गुन फ्री में सिखाते है। उन्होंने बताया कि वे अब तक 300 से अधिक युवाओं को तैराकी सीखा चुके है उनमें से कई युवाओं का नौकरी भी हो गया है। उन्होंने बताया कि संसाधन के अभाव होने के बावजूद वे गोकुल जलाशय में युवाओं को तैराकी सिखाते है। इतना ही नहीं लगभग 14 किलोमीटर क्षेत्र में फैले गोकुल जलाशय के जीर्णोद्धार के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इनका मानना है कि जलाशय में पर्यटन के साथ साथ खेल के भी अपार संभावनाएं हैं।


