विपत्ति व महासंकट का सामना धैर्यपूर्वक एवं विनम्र होकर करे तभी सफलता मिलेगी और लक्ष्य में कामयाब होंगे : राजीव ओझा
आईमास कंप्यूटर एडुकेशन सेंटर में आयोजित हुआ रामोत्सव कार्यक्रम




न्यूज़ विज़न। बक्सर
सृष्टि को चलाने वाले प्रभु श्रीराम ही है जो सभी के दुख हरने वाले हैं। उन्हें जब वनवास का जीवन मिला। जिन्हें जंगलों में भटकते हुए खुद व पत्नी सीता तथा भाई लक्ष्मण की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठायी। राजपरिवार में जन्मे व्यक्ति को नंगे पैर कांटो पर चलना पड़ा। इससे आज के युवाओं को सिख लेनी चाहिए। उक्त बातें शुक्रवार को मेन रोड महावीर मंदिर के पास आईमास कंप्यूटर एडुकेशन के निदेशक राजीव कुमार ओझा ने रामोत्सव कार्यक्रम के दौरान कही।













उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम सर्वशक्तिमान थे, फिर भी उनका जीवन कष्टपूर्ण रहा। वनवास के दिनों में प्रभु श्रीराम से माता सबरी ने पूछा की अगर सीता को ढूढने नही आते तो मुलाकात कैसे होती। तब श्रीराम ने कहा कि यह बात आने वाले पीढ़ी को सिखाने के लिए आना पड़ा की,जब मेरे उपर संकट आ सकता है। तो अन्य लोगों पर आना सामान्य बात है। इससे श्रीराम के चरित्र से युवकों को यह सिख लेनी चाहिए कि किसी भी विपत्ति व महा संकट का सामना धैर्यपूर्वक एवं विनम्र होकर करे। तभी सफलता मिलेगी और लक्ष्य में कामयाब होंगे।
कार्यक्रम वही पुजा कुमारी व जया कुमारी ने संयुक्त रूप से कौशल्या दशरथ के नंदन, राम ललाट पे शोभित चंदन,रघुपति की जय बोले लक्ष्मण, राम सिया का हो अभिनन्दन,ये रामायण है पुण्य कथा श्रीराम की सहित अन्य भजन गाया। छात्र अंकित उपाध्याय ने कहा कि प्रभु श्रीराम का जन्म लोक कल्याण के लिए हुआ था। उनसे विनम्रता व धैर्य की सीख अपने जीवन में लेनी चाहिए। सोनू कुमार सिंह ने कहा कि श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम बताया गया है। धैर्य, दयालुता, नेतृत्व क्षमता, मित्रता की प्रतिमूर्ति के साथ राजा होते हुए भी सन्यासी की तरह रहे। नीतू राय ने रामोत्सव में कहा कि माता पिता की आज्ञा पालन के लिए राजसुख का त्याग कर वनवासी का जीवन व्यतीत किया। मौके पर संकेत कुमार सिंह, अंकिता कुमारी, ईशा कुमारी, पलक वर्मा, नेहा ओझा, काजल कुमारी, विकास कुमार, साक्षी कुमारी, रुपाली तिवारी, वंदना कुमारी,पूजा कुमारी, निशा कुमारी व पवन पांडेय सहित अन्य उपस्थित थे।

