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राष्ट्रीय लोक अदालत में दो हजार एक सौ चौहत्तर मामलों का हुआ निष्पादन

दो करोड़ 44 लाख 08 हजार 07 सौ 12 रुपए की समझौता राशि के मुकदमों का सुलह के आधार पर निपटारा कराया गया

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान वर्ष 2024 की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को व्यवहार न्यायलय परिसर में किया गया। जिसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश -सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार आनंद नंदन सिंह, मनोज कुमार, बिजेंद्र कुमार, प्रेम चंद्र वर्मा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बिंदेश्वरी पांडेय, सचिव जिला बार एसोसिएशन एवं उपस्थित मंचासीन पदाधिकारी नेहा दयाल, अवर न्यायाधीश -सह- सचिव, जिला प्राधिकार, समेत अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर न्यायिक पदाधिकारी व कार्यालय कर्मचारी मौजूद रहे। उदघाटन सत्र का संचालन उपस्थित रिटेनर अधिवक्ता विष्णु दत्त द्विवेदी ने मंच का संचालन किया। साथ ही गणेश वंदना पर मधुर गीत  आरती राय, पैनल अधिवक्ता द्वारा गाकर कार्यक्रम की शुरुआत कि गई। धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता विनय कुमार सिन्हा  विधिक सहायता परामर्श प्रणाली ने किया।

 

उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत  एक ही दिन में मुकदमे के निपटारे का सुलभ रास्ता है। इसमें ना कोई पक्ष जीतता है, ना ही कोई पक्ष हारता है इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। कोई भी व्यक्ति अपने वाद का निपटारा सुलह समझौते के माध्यम से करा सकता है। लोक अदालत में आने वाले वाद के सभी पक्षकारों को लोक अदालत पर मैं स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि सुलह के आधार पर अपने-अपने वादों का निष्पादन वे करवाएंगे। मौके पर नेहा दयाल अवर न्यायाधीश -सह- सचिव, जिला प्राधिकार ने कहा कि देश के सभी जिला न्यायालय में सुलहनिय वादों के निष्पादन, लोगों को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना एवं विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य जिले के आम जनमानस को विधिक सेवा उपलब्ध करवाना, विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना, साथ ही जिला न्यायालय में लंबित सुलहनिय वादों को चिन्हित कर दोनों पक्षकारों के बीच मध्यस्थता करवाकर उनके बीच हुए मनमुटाव, आपसी बैर को खत्म कर समाज के लोगों के बीच आपसी सौहार्द बनाए रखना है। इसी कड़ी में आज देश के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय में किया जा रहा है।

 

मौके पर उपस्थित डीएम-सह- उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार अंशुल अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली, के निर्देश पर इस अवसर को हम लोग एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाते हैं।  वाद के दोनों पक्षकार स्थानीय न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में अपने- अपने वादों को लेकर दौड़ते रहते हैं और उनके मुकदमे का निपटारा नहीं होता। यदि अपने मुकदमों का निपटारा करवाना चाहते हैं तो सीधे लोक अदालत में आए और एक ही दिन में अपने वादों का निपटारा सुलह के आधार पर करवाए। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन इस उद्देश्य से ही किया जाता है कि व्यवहार न्यायालय पर बढ़ रहे मुकदमों के बोझ को कम किया जा सके। साथ में लोगों को सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना है। मौके पर विनय कुमार सिन्हा चीफ, विधिक सहायता परामर्श प्रणाली ने कहा कि लोक अदालत जनता की अदालत है। जिसमे आपकी सहमति से ही आप के द्वारा किया गए मुकदमो को सुलह के आधार पर निपटारा करवाया जाता है। दोनो पक्षों के सुलह होने पर अवार्ड बनता है, जिससे दोनो पक्षो को दिया जाता है और एक कॉपी न्यायालय में भी रखा जाता है।

शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के 498, अन्य वाद जिसमे भारत संचार निगम लिमिटेड एव यातायात के कुल 1035, जिसमे 09,42,207/-  रुपए के समझौता राशि, ग्राम कचहरी के 62, आपराधिक 86 वाद, चेक बाउंस के 00, विद्युत वाद के 202 मामले का निपटारा कराया गया।  विभिन्न बैंकों के 498 मामलों जिसमे हुए निष्पादन पर इस दौरान कुल 02 करोड़ 01 लाख सोलह हजार 38 रुपए की समझौता राशि पर हस्ताक्षर किया गया। मौके पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रभाकर दत्त मिश्रा, मनकामेश्वर प्रसाद चौबे, देवराज, देवेश कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, कमलेश सिंह देउ, अवर न्यायाधीश, हर्षवर्धन सिंह, मुंसिफ बक्सर, कुमार नरुन न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय श्रेणी एव अन्य पीठ में उपस्थित न्यायाधीश, पैनल अधिवक्ता , अशोक कुमार पाठक, विष्णु दत्त द्विवेदी, ब्रजेश कुमार ,  आरती राय,  जितेंद्र कुमार सिन्हा, राजीव कुमार मिश्रा, रवि रंजन सिंह, तेज प्रताप सिंह, प्रीति कुमारी आदि वहीं कार्यालय कर्मी सुधीर कुमार, दीपेश कुमार, संजीव कुमार, वरीय लिपिक संजय कुमार, नाजिर संतोष द्विवेदी, विधिक स्वयंसेवक मदन प्रजापति, कवींद्र नाथ पाठक, प्रेम प्रकाश पाठक, अंजुम रावत, गजेंद्र नाथ दुबे, विनय शंकर, अविनाश, समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

 

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