अयोध्या धाम के सरयू नदी तट से आरम्भ हुयी संतो की यात्रा बक्सर पहुंच हुआ सम्पन्न




न्यूज़ विज़न। बक्सर
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन अयोध्या से आरम्भ हुई यात्रा सोमवार बक्सर पहुंच समापन हुयी। अयोध्या से पुरानी सरयू नदी के तट होते हुए यात्रा बक्सर गोलंबर स्थित हनुमान मंदिर पहुंची। जहां यात्रा में आए श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया। श्रद्धालु हनुमान मंदिर पर आरती किए। वहां से रामरेखा घाट पर रामेश्वर नाथ भगवान का दर्शन करके वामन भगवान, लक्ष्मी नारायण मंदिर, नौलखा मंदिर, नाथ बाबा आश्रम दर्शन करने के बाद बसांव मठिया अर्थात विश्राम सरोवर पहुंचे।









विश्राम सरोवर पर भगवान वेंकटेश नाथ की आरती भजन कीर्तन के बाद कढ़ी चावल का प्रसाद पाए। यात्रा पुरानी सरयू नदी भैरव धाम आजमगढ़, जमीलपुर, बलियागंज, मल्हारी, नियमगंज, सालोना, ताल बारहदुवरिया मंदिर, मैसूर रामघाट, गायघाट, सिंधागढ़, भुवनेश्वर, आमघाटनगर, फेफना, बलिया, सुजायतपुर, भरौली होते हुए आज यात्रा पहुंची। यात्रा के बाद बसाव स्थान के महाराज जी यात्रा के संयोजक पवन जी का विदाई किए। विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष सिद्धनाथ मिश्र अयोध्या से पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए बक्सर के महत्व बताते हुए कहा कि बक्सर भगवान राम जब विश्वामित्र को महर्षि विश्वामित्र जब भगवान राम को लेकर अयोध्या से आए तो यहां बक्सर में ही उनको बाला अतिबला का ज्ञान मिला। इसके बाद महर्षि विश्वामित्र अहिरौली नदाव, भभुअर तथा नुआंव सभी पांच ऋषियों के दर्शन कराए तथा पांचो ऋषियों ने भगवान राम को गुप्त विद्या प्रदान की। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश सह सत्संग प्रमुख कन्हैया पाठक, जिला मंत्री ईश्वर दयाल, संतोष ओझा आदि लोग उपस्थित थे।





