तीन अगस्त को पटना में प्रदर्शन करेंगी आशा, नौ सूत्री मांगों को लेकर सत्रहवे दिन भी जारी रहा हड़ताल




न्यूज विजन। बक्सर
बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटी का हड़ताल 17 वे दिन भी जारी रहा। पूरे जिला में आशा एवं आशा फैसिलेटर बहनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर धरना दिया एवं अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए।
वही धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार अपनी बातों से मुकर रही है स्वास्थ्य मंत्री ने अपने घोषणा पत्र में आशाओं के मानदेय पर विचार करने और हमारी सरकार आएगी तो मांगों को पूरा करेगी का वादा किए थे। लेकिन सरकार में जाने के बाद शायद वह भूल गए हैं यही याद दिलाने के लिए आशाओं ने 22 जुन को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के समक्ष एवं 26 जुन को सिविल सर्जनों के समक्ष प्रदर्शन करके अपनी मांगों को पहुंचाने का काम किया। जब सुनवाई नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई। इस हड़ताल से यहां संस्थागत प्रसव में काफी गिरावट आया है वही टीकाकारण भी बाधित हुआ है। हम सरकार से मांग करते हैं कि मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें ताकि स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके।
कार्यपालक निदेशक से वार्ता हुई लेकिन हमारी पहली मांग और आठवीं मांग पर विचार करने में आनाकानी की जा रही है। हम पारितोषिक को मानदेय में बदलने की बात और 1000 के बदले 10000 की मांग करते हैं। जिस पर सरकार अभी नहीं देने पर आमादा है इसलिए हड़ताल जारी रहेगा और हम पूरी तैयारी के साथ 3 अगस्त को पटना मार्च करेंगे और वही से आगे का कार्यक्रम तय होगा।
राज्य उपाध्यक्ष सह जिला संयोजक अरुण कुमार ओझा ने सभी आशाओं से संयम बरतने ओपीडी को नहीं रोकने एवं आपातकालीन सेवा को भी जारी रखने में मदद करने की बात की है। साथ ही साथ टीकाकरण नहीं हो उस पर पूरी मुस्तैदी के साथ तैयार रहना है यहां तक सरकार की धमकी की बात है वह हड़ताल के दौरान होती रहती है हड़ताल समापन के बाद सारी बातें अपनी जगह पर आ जाती है। कुछ पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य समिति के कर्मचारियों के द्वारा आशाओं पर दमनात्मक कार्रवाई करने की बात की जाती है। तथा चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा आशाओं पर गाड़ी चढ़ाने पानी बिजली काट देना जैसी कार्रवाई की जा रही है। जो काफी निंदनीय है वैसे लोगों से भी अनुरोध है कि आशाओं के मांगों के समर्थन में रहे ताकि समय पड़ने पर जब वह अपनी मांगों के लिए आंदोलन करेंगे।

