डॉ.ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन, की 72 वीं पुस्तक भोजपुरी हिन्दी, काव्य संग्रह “फुटेहरी” पर विशेष समीक्षात्मक गोष्ठी आयोजित




न्यूज़ विज़न। बक्सर
विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती पूजा एवं छायावाद से सशक्त हस्ताक्षर पंडित सूर्य कांति त्रिपाठी निराला जी के जयंती की पूर्व संध्या पर, भोजपुरी दुलार मंच के तत्वाधान में, मंच के संरक्षक, वरीय अधिवक्ता, लेखक रामेश्वर प्रसाद वर्मा की अध्यक्षता एवं संचालन में मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.ओमप्रकाश केसरी पवननन्दन, की 72 वीं पुस्तक “फुटेहरी (भोजपुरी हिन्दी, काव्य संग्रह) पर एक विशेष समीक्षात्मक गोष्ठी, पार्वती निवास परिसर में आयोजित की गई।









आयोजित विशेष समीक्षात्मक गोष्ठी का भव्य उद्घाटन चिकित्सक सह साहित्यकार डा. महेन्द्र प्रसाद, गणेश उपाध्याय, राजा रमण पांडेय मिठास, डॉ शशांक शेखर, शशिभूषण मिश्र आदि सहित उपस्थित तमाम महानुभावों ने मां सरस्वती एवं निराला जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके एवं चित्र पर माल्यार्पण करके किये। सम्मान स्वरूप सभी उपस्थित साहित्यकारों का विद्वानों का समाज सेवियों को शशि भूषण जी द्वारा तिलक लगाकर स्वागत किया गया।
रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने कहा की फुटेहरी डॉ पवननन्दन की सृजनक क्रियाशीलता का अनुपम उदाहरण है. फुटेहरी गजब की सोच और चिन्तन की उडान है, इस संग्रह की सभी अपने आप में बेमिशाल, अब मैं ज्यादा नहीं कहूंगा बस आप कहे़ंगे तो अब मंच तैयार हो गया है फुटेहरी को फोडने के लिए मेरा मतलब है समीक्षा करने के लिए। डॉ महेन्द्र प्रसाद, ने सबसे ७२ पुस्तक लिखने पर डॉ पवननन्दन, की हौसला-अफजाई की। शशि भूषण मिश्र ने कहा कि अपना खून पसीना एक करके किताब अंजाम देते है्।





