जब जब पृथ्वी पर अत्याचार, अधर्म बढ़ जाता है तो वही निर्गुण निरंकार ब्रह्म अपने भक्तों के कल्याण के लिए अवतार लेते है : आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज




न्यूज़ विज़न। बक्सर
लाल बाबा के 17 वें निर्वाण दिवस पर नगर के सती घाट पर स्थित लाल बाबा आश्रम पर चल रहे श्रीराम कथा के तीसरे दिन रविवार को जगतगुरु आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज ने भगवान राम के अवतार की कथा सुनाया।










जगदंबा पार्वती ने भगवान भोले शंकर से कैलाश में जिज्ञासा की कि यदि राम राजा दशरथ के पुत्र हैं तो भगवान कैसे हैं। अगर वह भगवान है तो फिर उनका अवतार क्यों नहीं होता है और उन्होंने अवतार लेकर क्या-क्या लिखे और किस तरह साकेत गए ? शिव जी उनको समझाते हुए कहते हैं की हे देवी मुझे पता है आपको पिछले जन्म की तरह अब कोई मोह नहीं और अपने लोक कल्याण के लिए यह प्रश्न पूछा है शिवजी कहते हैं सब गुण और निर्गुण परमात्मा में कोई अंतर नहीं जब पृथ्वी पर अत्याचार, अधर्म बढ़ जाता है तो वही निर्गुण निरंकार निरंकार ब्रह्म अपने भक्तों के कल्याण के लिए सगुण साकार रूप में अवतार लेकर अपनी लीला करने आते है जिसको गाकर श्रद्धालु भव से पार होते हैं।
शिवजी भगवान के अवतार के कई कर्म को बताते हुए एक कारण नारद का भगवान नारायण को शाप देना भी बताया कामदेव को जीतने के बाद नारद को अभियान हुआ तो माया का नगर राजाशील निधि और माया की बालिका विश्व मोहिनी का निर्माण कर उन्होंने नारद का अभिमान तोड़ा मोहित नारद विश्व मोहिनी से विवाह करने के लिए विष्णु से उनका रूप मांगी तो बंदर का रूप मिला, स्वयंवर में अपमान हुआ तो विष्णु को मृत्यु लोक में आने का श्राप दे दिया। इस कारण भी भगवान का अवतार हुआ नारद मोह लीला की संगीतमय प्रस्तुति ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
चैत नवमी तिथि को अवध धाम में श्रीराम प्रकट हुए तो दशरथ कौशल्या धन्य हो गए कौशल्या और दशरथ की 30000 वर्षों की नवमी सारण्य में की गई तपस्या फलीभूत हुई है। राम जन्म महोत्सव दौरान कथा में उपस्थित हजारों की संख्या में स्त्री पुरुष उठकर झूम-झूम कर नाचने लगे। वही जगतगुरु आचार्य श्री गुप्तेश्वर जी महाराज कथा के बीच में भोजपुरी में वार्ता करते हैं जिससे कथा का आनंद 100 गुना बढ़ जाता है।

