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चेतावनी बिंदु से महज 1.07 मीटर दूर है गंगा का जलस्तर, बढ़ने की रफ्तार हुई तेज

गंगा का जलस्तर बढ़ से तटीय इलाके में रहने वाले लोगो के बीच दहशत का माहौल

न्यूज विजन | बक्सर
गंगा के जलस्तर में बेतहाशा बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। गंगा का जलस्तर वार्निंग लेबल के करीब पहुंचने लगा है। गंगा में उफान देख लोग सहम गये हैं। तटीय इलाके में बाढ़ का पानी पसरने लगा है। बाढ़ की विभीषिका झेल चुके लोगों के अंदर डर समा गया है। तेज गति से बढ़ रहा गंगा का पानी और उफान को देख लोग सकते में आ गये हैं। गंगा के तटीय इलाके व दियारा क्षेत्र के लोग जान माल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। किसी सुरक्षित और ऊंचे जगह की तलाश में लोग जुट गये हैं। जानकारी के अनुसार पहाड़ी और मैदानीं इलाके में हो रही बारिश के चलते जलस्तर बढ़ोतरी हो रही है। दूसरे तरफ ठोरा नदी और कर्मनाशा नदी में भी तेजी से पानी बढ़ रहा है।

58.25 मीटर पहुंचा गंगा का जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर वार्निंग लेबल की तरफ तेजी से बढ़ने लगा है। सीडब्ल्यूसी के कनीय अभियंता प्रशांत चौरसिया ने बताया कि सोमवार को सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 57.75 मीटर दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि बीते 8 घंटे से 5 और 6 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा था। यह गति शाम के 3 बजे तक बरकरार था। लेकिन, 3 बजे के बाद गंगा नदी में पानी बढ़ने की रफ्तार 2 सेंटीमीटर कमी आई है। शाम 5 बजे गंगा का जलस्तर 58.25 मीटर दर्ज किया गया और प्रति घंटे 4 सेंटीमीटर की रफ्तार से पानी में बढ़ोतरी हो रही है। पानी बढ़ने की स्थिति इसी तरह बरकरार रही तो अगले 24 घंटे में गंगा का लेबल चेतावनी बिंदु को पार कर जाएगा।

चेतावनी बिंदु से 1.07 मीटर का रह गया है फासला

बक्सर में गंगा नदी के जलस्तर और चेतावनी बिंदु में 1.07 मीटर का फासला रह गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बक्सर में गंगा का चेतावनी बिंदु 56.32 मीटर है। वहीं शाम पांच बजे तक गंगा का जलस्तर 58.25 मीटर पहुंच गया है। जिस गति से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है उस हिसाब से चेतावनी बिंदु तक पानी का लेबल पहुंचने में अधिक समय नहीं लगेगा। बता दें कि बाढ़ का पानी चौसा, बक्सर, ब्रह्मपुर, चक्की, सिमरी समेत अन्य प्रखंडों के गांव में सबसे पहले प्रवेश करता है। वहीं ठोरा नदी में पानी बढ़ने के चलते चक्रहंसी, जरिगांवा आदि गांवों में फसल डूबकर चौपट हो जाती है। वहीं शहर के छू मंतर की गली, रामबाग, सत्यदेवगंज समेत नदी के किनारे बसे बस्तियों में बाढ़ का पानी घरों में घुस जाता है।

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