OTHERS

विश्व मलेरिया दिवस पर जिले भर में आयोजित होंगे कार्यक्रम

स्कूलों में आयोजित होंगे विशेष कार्यक्रम, बच्चों को किया जाएगा मच्छर जनित रोग के प्रति जागरूक 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

आगामी 25 अप्रैल को जिलेभर में विश्व मलेरिया दिवस दिया मनाया जाएगा। जिसके लेकर जिला से लेकर पंचायत स्तर तक अभी तैयारी शुरू हो गई है। जिसके तहत जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर पर मलेरिया से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें लोगों को मच्छरों, मच्छर जनित बीमारियों, उससे बचाव और प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी। राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त निर्देशों के तहत इस वर्ष ‘एक्सीलरेटिंग द फाइट अंगेंस्ट मलेरिया फॉर ए मोर इक्वीटेबल वर्ल्ड’ थीम पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। जिसकी मदद से लोगों में मलेरिया के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता लायी जायेगी।

 

सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि पूरे विश्व में मलेरिया को समाप्त करने के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। मलेरिया के प्रति जागरूकता लाने के लिए समुदाय के आखिरी पायदान के लोगों को इसके लक्षणों के बारे में जानकारी पहुंचनी होगी। लोगों को अपने आसपास नाली, पशु रखने वाली जगहों को नियमित साफ-सुथरा रखने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि मलेरिया जैसे रोग के प्रति लापरवाह न बरतें, ये खतरनाक साबित हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने 2030 तक मलेरिया को खत्म करने का लक्ष्य है। जिसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है मलेरिया :

अपर मुख्य चिकत्सा पदाधिकारी सह प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार ने बताया मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसमें कंपकंपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। फाल्सीपेरम मलेरिया की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।

सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज की नि:शुल्क व्यवस्था :

डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की व्यवस्था है। मलेरिया फैलाने वाला मच्छर किसी स्थान पर ठहरे हुए साफ पानी और धीमी गति से बहने वाली नालियों में अंडे देती है और वहां पर पनपती है।उन्होंने बताया कि मलेरिया के लक्षणों में सिर में तेज दर्द होना, उल्टी होना, जी मिचलाना, उल्टी होना या जी मचलना, हाथ पैरों के जोड़ में दर्द, कमजोरी व थकान, खून की कमी, आंखों की पुतलियों का रंग पीला होना, पसीना निकलने के बाद बुखार कम होना, तेज कंपन के साथ बुखार आना आदि हैं। मलेरिया के बुखार के कारण मरीज बेहोश भी हो सकता है।

सावधानी अपनाकर करें स्वयं के साथ अपनों की सुरक्षा:

वीबीडीसीओ पंकज कुमार ने बताया कि मलेरिया से सुरक्षा के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसपास बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में विभाग की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button