अन्तर्राष्ट्रीय मृदा दिवस पर मृदा एवं जल जीवन का स्रोत विषय पर किसान गोष्ठी का हुआ आयोजन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
मंगलवार को अन्तर्राष्ट्रीय मृदा दिवस पर किसानों के बीच जागरूकता के उद्देश्य से कृषि विज्ञान केन्द्र, द्वारा एक दिवसीय किसान गोष्ठी कार्यक्रम “मृदा एवं जल जीवन का स्रोत” का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन विधायक प्रतिनिधि कामेश्वर पाण्डेय, पूर्व जिला पार्षद प्रतिनिधि मनोज पाण्डेय, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीष्ठ वैज्ञानिक सह प्रमुख डॉ0 देवकरन द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। वही किसानों एवं अतिथियों का स्वागत के साथ ही डॉ0 देवकरन ने “टिकाऊ खेती के लिए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन” की विस्तृत जानकारी उपस्थित प्रतिभागियों को दी। साथ ही मृदा स्वास्थय कार्ड के महत्व के बारे मे बताया।








मुख्य अतिथि कामेश्वर पाण्डेय ने मिट्टी के स्वास्थ्य एवं जल संरक्षण हेतु कुँआ, तालाब, आदि द्वारा जल संभरण की आवश्यकता पर बल देते हुए किसानों से मिट्टी मे रासायनिक खादों के कम से कम प्रयोग करने का आह्वान किया। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र मे विशेषज्ञ हरिगोबिंद ने “कृषि मे जल का बहुआयामी उपयोग” तथा रामकेवल द्वारा “टिकाऊ खेती मे मृदा जीव का महत्व” एवं पराली प्रबंधन हेतु “वेस्ट डी-कम्पोजर द्वारा कम्पोस्ट खाद तैयार करने” की विस्तृत जानकारी किसानों को दी गई। किसान वैज्ञानिक संवाद सत्र मे कृषकों के रबी फसलों सेे संबंधित विविध प्रश्नों का समाधान कर तकनीकी जानकारी दी गई।


गोष्ठी के दौरान 20 प्रगतिशील किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड,10 किसानों को वेस्ट डीकम्पोजर तथा 20 किसानों के बीच फूलगोभी पौधा का हुआ वितरण
किसान गोष्ठी के दौरान 20 प्रगतिशील किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया गया। साथ ही 10 किसानों को वेस्ट डीकम्पोजर तथा 20 किसानों के बीच फूलगोभी पौध का वितरण किया गया। उपस्थित पूर्व जिला पार्षद मनोज पाण्डेय तथा प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव साझा किये। कार्यक्रम मे दलसागर से कृषक दिलीप कुमार सिंह, पिंटू सिंह, जिगना से प्रभाग राम, शिव कुमार राम, चमिला से लक्ष्यम यादव, सिठू कुमार, जमुआँव से दिनेश राय, दरहरपुर से कृष्णा कुमार, हँूकहाँ से सावित्री देवी एवं गीता देवी आदि सहित 62 कृषकों ने भाग लिया तथा केन्द्र के श्री आरिफ परवेज, राकेश मणि, रवि चटर्जी, राजेश कुमार राय, सरफराज अहमद खान, अरविंद कुमार, संदीप कुमार, आदि ने सहयोग किया।

