84 वर्ष की आयु में समाजसेवी, कला-प्रेमी व रेलवे अधिकारी रहे डॉ. शशिभूषण श्रीवास्तव का निधन
डुमरांव ने खोया बहुमुखी प्रतिभा का धनी व्यक्तित्व




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शनिवार की शाम डुमरांव नगर ने अपने एक बहुआयामी व्यक्तित्व, समाजसेवा और कला-संस्कृति के संरक्षक को खो दिया। रेलवे दानापुर मंडल से असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट पद से सेवानिवृत्त डॉ. शशिभूषण श्रीवास्तव का निधन शनिवार को उनके ठठेरी बाजार स्थित पैतृक आवास पर हो गया। वे 84 वर्ष के थे। लगभग शाम पाँच बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से न केवल पत्रकारिता जगत, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक हलकों में भी गहरा शोक छा गया।









स्व. श्रीवास्तव अपने पीछे पत्नी माया देवी, चार पुत्रों और चार पुत्रियों के रूप में एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके पुत्रों में मनोज कुमार (अधिवक्ता), मुरली मनोहर श्रीवास्तव (वरिष्ठ पत्रकार सह साहित्यकार), शैलेन्द्र श्रीवास्तव उर्फ राजूलाल (शिक्षक व माउथ ऑर्गन वादक), रविशंकर श्रीवास्तव उर्फ लाला (पत्रकार व अभिनेता), वहीं पुत्रियों में नूतन, सुनीता, पूर्णिमा और ज्योति शामिल हैं। रेलवे की सेवा के साथ ही वे लगातार समाजहित के कार्यों में सक्रिय रहे। सेंट्रल पेंशन इम्प्लाई एसोसिएशन, बक्सर के जिलाध्यक्ष के रूप में उन्होंने पेंशनधारकों की समस्याओं के समाधान के लिए आवाज उठाई। इसके अलावा वे होम्योपैथिक चिकित्सा के माध्यम से भी वर्षों तक जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ सेवा करते रहे। उनकी सहजता, सादगी और समाज के प्रति समर्पण ने उन्हें डुमरांव के बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय बना दिया था।






कला और संस्कृति से गहरा लगाव
डॉ. श्रीवास्तव का व्यक्तित्व केवल समाजसेवा तक सीमित नहीं था, बल्कि कला और संस्कृति में भी उनकी गहरी रुचि रही। संगीत के प्रति उनके लगाव का प्रमाण यह है कि उन्होंने भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के साथ “बाजे शहनाई हमार अंगना” फिल्म में सहयोगी कलाकार की भूमिका निभाई थी। उनके परिवार में भी कला-संस्कृति की परंपरा जीवित है। उनके पुत्र मुरली मनोहर ने युवावस्था में ही उस्ताद बिस्मिल्लाह खां पर पुस्तक लिखी। पुत्र शैलेन्द्र माउथ ऑर्गन वादन के क्षेत्र में महारथ रखते हैं। छोटे पुत्र रविशंकर पत्रकारिता के साथ भोजपुरी फिल्मों में भी अभिनय कर चुके हैं।
श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब
उनके निधन की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में लोग उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। स्थानीय पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में वरिष्ठ पत्रकार अनिल कुमार ओझा, अरविंद कुमार चौबे, रंजीत पांडेय, अरुण विक्रांत, सुजीत कुमार, अजय सिंह, अमर केशरी, अशोक कुमार, आलोक सिन्हा, प्रलेस के जिलाध्यक्ष डॉ. बी.एल. प्रवीण, सामाजिक मंच के प्रदीप शरण, भाजपा लीगल सेल के प्रदेश अध्यक्ष विंध्याचल राय, भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन, शक्ति राय, माले के मजदूर नेता संजय शर्मा तथा जदयू नेता गोपाल गुप्ता समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे। डॉ. शशिभूषण श्रीवास्तव का जीवन बहुमुखी प्रतिभा, सामाजिक प्रतिबद्धता और सांस्कृतिक सरोकारों से परिपूर्ण रहा। उनकी सादगी और जनसेवा का भाव डुमरांव और पूरे बक्सर जिले के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। नगरवासी उनके योगदान को लंबे समय तक याद रखेंगे।

