RELIGION

अखंड भारत के सातवें सम्राट शालिशुक मौर्य का सम्मान का दिवस मनाया गया

न्यूज़ विज़न । बक्सर
शनिवार को अखंड भारत के सातवें सम्राट शालिशुक मौर्य का सम्मान का दिवस शहर के विराट नगर में मनाया गया। कार्यक्रम संयोजक युवा सम्राट ऋतुराज मौर्य ने बताया की सम्राट शालिचुक मौर्य के समय राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, और वाणिज्य व्यापार पर आधारित थीं। इनकों सम्मिलित रूप से वार्ता कहा गया है। अर्थात वृत्ति का साधन, इन व्यवसायों में कृषि मुख्य था। खेती हल-बैल की सहायता से होती थी। इस काल में ही मूंठदार कुल्हाड़ियों, फाल, हंसियें आदि का कृषि कार्यों के लिए, बडे-बडे़ पैमाने पर प्रयोग प्रारम्भ होता था। गेहूं, जौ, चना, चावल, तिल, सरसों, मसूर, शाक आदि प्रमुख फसलें थी। पशुओं में गाय, बैल, भेंड़, बकरी, भैस, गधे, ऊँट, सुअर, कुत्ते आदि प्रमुख रूप से पाले जाते थे।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि रश्मि मित्र ने कहा की सूती कपड़े के व्यवसाय के लिए काशी, वत्स, अपरान्त, बंग और मथुरा विशेष प्रख्यात थे। देश में कपास की खेती प्रचुरता में होती थी। राज सिंह ने बताया की काशी और मगध अपने सत के बने कपड़ों के लिए प्रसिद्ध थे। इस समय चीन का रेशमी वस्त्र भारत में आता था। इस समय बंगाल अपने मलमल के व्यवसाय का लिए प्रसिद्ध था। कार्यक्रम में पंचशील त्रिशरण भंते आनंद ने संपन्न कराया। इस कार्यक्रम में जादूरई कुशवाहा, संतोष सर, अंकित सिद्धार्थ, रवि जी, दीपक सर, रंजीत सिंह, अखिलेश ठाकुर आदि लोग उपस्थित रहे।

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