भगवान ब्रह्मा के द्वारा यह संसार प्रकट हुआ : डॉ पुंडरीक शास्त्री




न्यूज़ विज़न। बक्सर
शहर के नया बाजार स्थित सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम में पूज्य नारायण दास भक्तमाली उपाख्य मामाजी महाराज के पावन स्मृति में आश्रम के महंत सह श्री विश्वामित्र पीठाधीश्वर श्री राजाराम शरण दास जी महाराज के सानिध्य में चल रहे 17वें श्री प्रिया प्रियतम मिलन महोत्सव के चौथे दिन संध्या 3 बजे से काशी से आये कथा वाचक डॉक्टर पुंडरीक शास्त्री ने मनु और सतरूपा, भगवन वराह की कथा सुनाया।








कथा के दौरान डॉक्टर पुंडरीक शास्त्री के कहा कि भगवान ब्रह्मा के द्वारा यह संसार प्रकट हुआ। ब्रह्मा जी के द्वारा 10 प्रकार की सृष्टि और मानसिक सृष्टि तथा मैथुनी सृष्टि मनु और सतरूपा के द्वारा हुई मनु महाराज को तीन पुत्रिया और दो पुत्र हुए। सृष्टि के प्रारंभ में सबसे पहले स्त्री की सृष्टि हुई शक्ति ही भगवान को अपने गर्भ में धारण करती है। और उसी से भगवान प्रकट होते हैं। भगवान वराह की कथा सुनाई जो ब्रह्मा जी के नाक से प्रकट हुए यह भगवान का संतोष अवतार है। संतोष ही हिरण्याक्ष को मार सकता है लोग संतोष से ही मरेगा वरना मरने वाला नहीं है।



उन्होंने भगवान कपिल देव का अवतार जो कर्दम और देव से प्रकट हुए नव कन्याओं के बाद भगवान कपिल देव का जन्म हुआ। नवधा भक्ति के बाद ही भगवान का अवतरण होता है इसके पश्चात ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई गई। संसार में ध्रुव वही है इसके कार्य दूसरे की कल्याण के लिए हो आगे राजा प्रियव्रत की कथा भगवान ऋषभदेव का चरित्र एवं जड़ भारत की कथा का वर्णन हुआ। भूगोल और खगोल का वर्णन करते हुए भगवान के नाम की महिमा का वर्णन करते हुए अजामिल की कथा श्रवण कराई गई।

