बक्सर को आध्यात्मिक गौरव का दर्जा दिलाने हेतु विश्वामित्र सेना की प्रधानमंत्री से मांग
पीएम मोदी के बिहार आगमन पर विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने ऐतिहासिक धर्म-संस्कृति सम्मेलन की घोषणा




न्यूज़ विज़न। बक्सर
आगामी 29-30 मई को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के अवसर पर विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने पूरे हृदय से उनका स्वागत करते हुए, विश्वामित्र सेना एवं बक्सर की समस्त जनता ने एक ऐतिहासिक धर्म-संस्कृति जागरण सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की है। इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री से बक्सर को उसकी आध्यात्मिक गरिमा का राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने की मांग की गई है।







बक्सर वह भूमि है जहां त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने महर्षि विश्वामित्र से धर्म और युद्ध की शिक्षा ली, जहां ताड़का वध, अहिल्या उद्धार, वामन अवतार, और च्यवन ऋषि की तपोभूमि स्थित है। यह क्षेत्र आज भी पंचकोशी परिक्रमा जैसे वैदिक परंपरा के प्रतीक के रूप में जीवंत है। इसी के संरक्षण के लिए विश्वामित्र सेना ने 10 सूत्री मांगों को लेकर यशस्वी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा हैं। विश्वामित्र सेना द्वारा प्रधानमंत्री से पत्र के माध्यम से 10 प्रमुख मांगें रखा जिसमे :-
1. बक्सर को “बिहार की आध्यात्मिक राजधानी” घोषित किया जाए।
2. बक्सर नगर में विश्वामित्र मुनि की आदमकद प्रतिमा सहित एक भव्य चौराहा बनाया जाए।
3. च्यवन ऋषि तपोभूमि पर “च्यवन आयुर्वेद स्मारक” की स्थापना।
4. राम-ताड़का युद्ध क्षेत्र को “धर्म युद्ध पर्यटन सर्किट” के रूप में विकसित किया जाए।
5. एक राष्ट्रीय “सनातन अध्ययन केंद्र” की स्थापना।
6. पंचकोशी परिक्रमा क्षेत्र को “धार्मिक परिक्रमा पथ” घोषित किया जाए और तीर्थस्थलों का विकास किया जाए।
7. “विश्वामित्र कॉरिडोर” का निर्माण।
8. पंचकोशी परिक्रमा हेतु ‘धर्म रथ यात्रा मार्ग’ का विकास।
9. “पंचकोशी तीर्थ विकास प्राधिकरण” की स्थापना।
10. वार्षिक “पंचकोशी धर्म महोत्सव” की शुरुआत।

वही श्री चौबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक नीतियों, सर्जिकल और एयर स्ट्राइक जैसी सैन्य कार्रवाइयों की सराहना करते हुए उन्हें राष्ट्रधर्म का सच्चा प्रहरी बताया। गया के नामकरण को “गया जी” करने के ऐतिहासिक निर्णय पर भी आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये दौरा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अवसर है। बक्सर की जनता और सम्पूर्ण सनातन समाज प्रधानमंत्री जी से निवेदन कर रहे है कि वे इस क्षेत्र को उसके ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय गौरव के अनुरूप सम्मान प्रदान करें।

