संवेदना दिवस के रूप में मनायी गयी गुरुनानक जयंती, संगोष्ठी व काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
साहित्यिक सामाजिक सांस्कृतिक प्रतिभा विकास मंच, के तत्वाधान में बंगाली टोला पार्वती निवास में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी, गुरू पर्व अर्थात श्री गुरू नानक जयंती को संवेदना दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान गुरू की महत्ता संगोष्ठी एवं काव्य गोष्ठी के रूप में सम्पादित किया गया।








आयोजित समारोह का उद्घाटन डॉ महेन्द्र प्रसाद जी,सर्जन, पूर्व नप अध्यक्ष, जिला भाजपा उपाध्यक्ष मीना सिंह, श्रीकांत पाठक, पूर्व विधायक, महेश्वर ओझा, रामेश्वर मिश्र विहान, हनुमान अदि ने संयुक्त रूप से किया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए, डॉ महेन्द्र प्रसाद ने कहा कि आज हमारे चारों तरफ संवेदना धूमिल पड रही है। इस माहौल में ऐसे कार्यक्रमाें के द्वारा कुछ हद तक संवेदनशीलता की बात समाज में एक सकारात्मक पहल करेगी। मीना सिंह ने अपने उद्बोधन में कही ,आज की महती आवश्यकता है संवेदना शीलता इसके अभाव में मनुष्य अपनी मनुष्यता खो बैठेगा। गुरु नानक जी ने अपनी बातों से सभी मनुष्यों को समाज के समस्त प्राणियों के लिए संवेदनशीलता का संदेश दिए। श्रीकांत पाठक ने कहा कि संवेदना ही आदमी को आदमी बनाता है।
संगोष्ठी में काव्य पाठ क भी समावेश किया गया था। लिहाजा अध्यक्षता कर रहे रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने गुरु नानक के बातों को आज के परिवेश जरुरी बताते हुए, अपने काव्य पाठ “रात को सूरज निकलता हमारे …. .” सभा में डॉ शशांक शेखर ने संवेदना के लिए समर्पित रहने के लिए सभी को समर्पित रहना।



