चौसा में पुलिसिया कार्यवाई के बरसी पर किसान मोर्चा ने मनाया काला दिवस
प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा एवं संयुक्त किसान मोर्चा ने चौसा में 20 मार्च 2024 को हुए पुलिसिया जुल्म के खिलाफ निकाला प्रदर्शन एवं दिया धरना




न्यूज़ विज़न। बक्सर
गुरुवार को प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा, चौसा (बक्सर) एवं संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में 20 मार्च 2024 को हुए उत्पीड़न के खिलाफ जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन एवं धरना दिया गया। विदित हो कि जिला प्रशासन द्वारा हुए सुनियोजित साजिश के तहत बनारपुर, कोचाढी एवं मोहनपूरवा गाँव में सैकड़ों पुलिस को लेकर आतंकी की तरह हुई बर्बरतापूर्ण हमला हुआ था जिसके खिलाफ आज काला दिवस मनाया गया तथा विशाल प्रतिरोध मार्च निकाला गया। मार्च किला मैदान से कलेक्ट्रेट पहुंचकर विशाल धरने में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा चौसा बक्सर के अध्यक्ष राम प्रवेश यादव ने की और मंच संचालन डा. विजय नारायण राय ने किया किया। रैली का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन बिहार प्रदेश प्रभारी दिनेश कुमार तथा ऑल इण्डिया किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव अशोक प्रसाद सिंह ने किया और रैली को संबोधित किया।












रैली को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता दिनेश कुमार ने कहा कि आज किसानों की देय सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। चौसा थर्मल पावर निर्माण में हो रही लूट ऐसे ही जारी रहा तो इसके परिणाम गंभीर होंगे। मजदूरों के नाम पर आवंटित राशि को किसानों को और किसानों को मिलने वाली राशि को भ्रष्ट अफसर और चोर कंपनियां लूट रही है। किसानों के उत्पीड़न के गुनहगार अफसर के खिलाफ आज तक प्राथमिकी दर्ज नहीं होना यह साबित करना है कि इसके पीछे सत्ता का समर्थन है। बक्सर एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में इन्हीं भ्रष्ट अफसरों के चलते भाजपा और एनडीए का खाता नहीं खुला था और यही स्थिति रही तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इनके कुल में कोई खेवनहार नहीं बचेगा।
किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि किसानों के संघर्ष के कारण रेल कोरिडोर एवं वाटर पाईपलाइन का रुट बदला और आर एण्ड आर स्कीम में हो रहे लुट को बंद कर किसानों एवं मजदूरों को भुगतान हेतु 60 करोड़ रुपये का तत्काल आवंटन किया। स्वामी सहजानंद सरस्वती जो देश के सबसे बड़े किसान नेता थे। स्वामी सहजानंद सरस्वती ने सन्यासी ग्रहण कर भगवान की खोज में पूरे देश का चक्कर लगाया। लेकिन उन्होंने लिखा कि मुझे कहीं भगवान नहीं मिला। मुझे तो भगवान किसानों में दर्शन हुआ। उन्होंने कहा कि किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं है, वह जीवन दाता भी है। उन्होंने शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के साथ हुए जोर-जुल्म का विरोध करते हुए कहा जिस तरीके से पुलिस प्रशासन ने पंजाब सरकार और दिल्ली की सरकार ने मिलकर किसानों को जबरन दिल्ली जाने से रोका और बॉर्डर पर जबरदस्ती किसानों को वहां से भगाया। उसकी पूरे देश के किसान घोर निंदा करते हैं। पूरे देश में किसानों से आंदोलन को तेज करने का उन्होंने आह्वान किया। उन्होंने किसानों और खेत मजदूर को 60 साल की उम्र में कम से कम ₹10000 मासिक पेंशन देने की भी सरकार से मांग की।
किसान नेता रैली में शामिल अन्य नेताओं में प्रमुख अजय मिश्रा, जयमंगल पांडेय, जगतारन राम, रमेश राम, शिवजी सिंह, सियाराम सिंह, नन्द कुमार राम, घनश्याम चौधरी, तेतरी देवी, रामनजर राय, जितेंद्र राय, शैलेश राय, हरिश्चंद्र साह, ओमकार चौहान, रामाकांत राजभर, नन्दलाल सिंह, नरेन्द्र तिवारी, शर्मा तिवारी, गोरख नाथ पांडेय, एकराम खाॅ, लाला राय, राधाप्रसाद राय, गुड्डु सिंह के नाम उल्लेखनीय हैं।

