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प्रकाश पर्व दीपावली पर माँ लक्ष्मी के आगमन को लेकर युवतियों व महिलाओं ने बनायीं आकर्षक रंगोली, बच्चे व युवा देर रात तक किये आतिशबाजी 

झिलमिलाते मिट्टी के दीपों व् आकर्षक बिजली के लगे झालरों से शहर का बढ़ गया था सौंदर्य 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

प्रकाश पर्व दीपावली का त्योहार शहर समेत जिले भर में पारंपरिक तरीके से हर्षोल्लास के बीच मनाया गया। रविवार की शाम ढलते ही घरों की छतों पर दीए एवं मोमबत्तियां जगमगा उठीं। ऐसा लगा मानों आसमान से मुंडेरों पर तारे उतर झिलमिलाने लगे हों। इस दरम्यान मां लक्ष्मी के स्वागत में घर के दरवाजे पर महिलाओ व युवतियों ने आकर्षक रंगोली बनाया था।

 

झिलमिलाते दीपों से शहर का सौंदर्य बढ़ गया था। इससे पहले सारे दिन घरों और दुकानों में लोग साफ-सफाई के काम में व्यस्त रहे और शाम को बाजार से मूर्ति व पूजा सामग्री की खरीददारी कर श्रद्धालु पवित्रता के साथ मंदिरों में गए तथा देवी- देवताओं को घी का दीप दान किए। इसके बाद वापस लौट घर, आंगन व छतों पर मोमबत्ती व मिट्टी से निर्मित दीए जलाए। फिर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ धन की अधिष्ठात्री देवी मां लक्ष्मी व विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की छोटी बड़ी प्रतिमा रखते हुए उनकी पूजा अर्चना कर सुख व समृद्धि की कामना किए।

इस मौके पर परंपराओं का पालन करते लोगों ने एक दूसरे को मिठाइयों के अलावा अन्य उपहारों का आदान-प्रदान किया तथा मिठाइयां खाई और खिलाई। देर रात तक चले इस सिलसिले के दौरान बच्चों के साथ ही बड़ों का भी उत्साह देखते बन रहा था। दीपों के पर्व दिवाली के मौके पर पटाखे जलाने को लेकर बच्चों व युवा वर्ग में अलग ही उत्साह का माहौल था। भगवान श्रीराम द्वारा लंका विजय के पश्चात जानकी व अनुज लक्ष्मण के साथ चौदह वर्षों बाद वापस लौटने की खुशी में अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी। उसी उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला यह त्योहार आज भी प्रासंगिक बना हुआ है।

इस बार की दीपावली में खास बात यह भी रही कि शहर से लेकर देहात तक जिधर भी नजर गई हर तरफ मिट्टी के दीयों की रोशनी झिलमिलाती नजर आई। बड़े पैमाने पर लोगों ने परंपराओं का निर्वाह करते हुए दिवाली पर्व पर दीयों की रोशनी के बीच उत्सव मनाया। दीप पर्व के उत्सव में देर रात तक युवाओं ने खूब मस्ती की। दिन ढलने के साथ जो आतिशबाजियों का धूम-धड़ाका शुरू हुआ वो मध्य रात में भले ही कुछ ढीला पड़ते दिखा।

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