भयावह हुआ गंगा का जलस्तर, बाढ़ से निबटने के लिए हर परिस्थितियों में तैयार जिला प्रशासन : डीएम




न्यूज विजन | बक्सर
खतरे के निशान के करीब पहुंचने के बाद भी उफान जारी है। गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। शहर के तमाम गंगा घाटों की सीढ़ियां पानी में डूब गया है। वहीं रामरेखा घाट स्थित विवाह मंडप को भी पानी छूने लगा है। बुधवार को शाम के करीब चार बजे थे। अचानक डीएम अंशुल अग्रवाल और सदर एसडीओ धीरेंद्र कुमार मिश्रा रामरेखा घाट पर निरीक्षण करने पहुंचे। स्थानीय लोगों व घाट के पंडों से बात की। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई है।

शाम को जलस्तर में 4 सेमी गिरावट दर्ज किया गया








जिलेवासियों के लिए सुखद समाचार यह है कि गंगा के पानी में गिरावट दर्ज की जा रही है। इलाहाबाद और नैनी में भी पानी का स्तर नीचे खिसक रहा है। उन्होंने केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 58.74 मीटर दर्ज किया गया था। शाम में गंगा का जलस्तर 58.70 मीटर दर्ज किया गया है। यानी जलस्तर में 4 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई है। वैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में है।




डीएम अंशुल अग्रवाल ने कहा कि अभी गंगा का पानी चेतावनी बिंदु से दूर है। अगर पानी बढ़ता भी है तो बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को बाढ़ आने से पैदा होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि सभी नाव मालिकों के साथ बैठक की गई है। गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने व गांवों का मुख्य सड़क से संपर्क भंग होने पर जहां भी नाव की आवश्यकता होगी वहां मुहैया कराया गया है। साथ ही सुरक्षा की दृष्टिकोण से आवश्यकता अनुसार बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाएगी। ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कोई अप्रिय घटना नहीं हो। गांवों में बाढ़ का पानी घुसने की स्थिति में प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान मुहैया करने समेत अन्य जरूरी सुविधा मुहैया कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर जिला प्रशासन नजर रख रहा है। डीएम ने गंगा के तटीय इलाका और कोइलवर तटबंध का भी निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियो को आवश्यक निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु चारा की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया है।
चलंत चिकित्सा दल का किया गया है गठन
बाढ़ के साथ तमाम तरह की बीमारी भी आती है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में कोई बीमार पड़ जाने पर उसे मेडिकल सेवा उपलब्ध कराया जाएगा। डीएम अंशुल अग्रवाल ने कहा कि चलंत चिकित्सा दल का गठन कर लिया गया है। चिकित्सा दल में शामिल डॉक्टर, नर्स आदि को शामिल किया गया है। इस दल को आवश्यक दवा भी उपलब्ध कराया गया है। चलंत चिकित्सा दल में शामिल डॉक्टर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहंुचेंगे और लोगों का इलाज करेंगे। इसके साथ ही उन्हें दवा भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिले के तमाम अस्पताल, पीएचसी और एपीएचसी सर्प दंश से निपटने के लिए आवश्यक दवा, सर्दी, बुखार, पेट दर्द, दस्त आदि की दवा मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। इन अस्पतालों में ट्रेंड नर्स और डॉक्टर की भी प्रतिनियुक्ति की गई है। साथ ही ब्लीचिंग पाउडर की व्यवस्था भी की गई है।

