गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन सोलह संस्कार व दीप यज्ञ का हुआ आयोजन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
नगर के आईटीआई मैदान में जिला गायत्री परिवार ट्रस्ट की ओर से आयोजित विराट 108 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन भी अहले सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह चार बजे से प्रात: जागरण, आरती, ध्यान, जप एवं प्रज्ञायोग का आयोजन किया गया। वहीं सुबह आठ बजे से 12 बजे दिन तक सोलह संस्कार कराए गये। इसमें पुंसवन संस्कार, नामकरण, जन्मदिन, दीक्षा संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, मुंडन समेत कुल सोलह तरह के संस्कार नि:शुल्क कराए गये।








संस्कार संपन्न होने से पूर्व श्रद्धालुओं ने हवन कुंड में आहुति दी। यज्ञ स्थल गायत्री महामंत्र, वैदिक मंत्र, धार्मिक व भक्ति गीतों और गायत्री माता के जगघोष से गूंज उठा। यज्ञ स्थल का परिसर पीले रंग में रंग गया था। जितने भी महिला-पुरूष यज्ञ में शामिल होने के लिए आए थे वे पीले वस्त्रों से सुसज्जित थे। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गायत्री महामंत्र का जाप करते हुए यज्ञ मंडप का परिक्रमा किया। परिक्रमा के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। जिला गायत्री परिवार ट्रस्ट के ट्रस्टी रामानंद तिवारी ने बताया कि संध्या साढ़े पांच बजे से रात्री साढ़े आठ बजे तक शांतिकुंज, हरिद्वार से आई टोली के सदस्यों ने राष्ट्र समर्थ एवं सशक्त कैसे बने इसके बारे में प्रवचन के माध्यम से बताया। उनके मुख से मानों अमृत की वर्षा हो रही थी। धर्म और ज्ञान से जुड़ी बातों को सुन श्रद्धालु धन्य हो गये। उन्होंने नशा निवारण संकल्प कराया।



इसके बाद दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया। दीप महायज्ञ के दौरान हजारों दीप जलाए गये। पूरा यज्ञ स्थल दीपों की रोशनी से जगमग हो उठा। इस मनरोम दृश्य को वहां माैजूद श्रद्धालुओं ने अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करने लगे। वहीं यज्ञ स्थल पर पुस्तक मेला और अन्य पूजन सामग्री की स्टॉलों पर खरीदारी के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। वहीं देर शाम देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंडया का प्रवचन हुआ। उन्होंने कि समाज और राष्ट्र को जागृत करने के लिए सद्बुद्धि रूपी गायत्री का धारण करना आवश्यक है।

