सदर अस्पताल के प्रसव केंद्र की डॉ मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ निजी पैक्टिस में रहती है व्यस्त : पंकज उपाध्याय
12 दिसंबर को महिला डॉक्टर और मौजूद नर्स की लापरवाही से नवजात के मौत मामले में एफआईआर का पीड़ित ने दिया आवेदन




न्यूज़ विज़न। बक्सर
सदर अस्पताल के प्रसव केंद्र में जितने भी डॉक्टर नियुक्त हैं, वह निजी प्रैक्टिस कर रहे हैं। रात्रि में प्रतिदिन एक डॉक्टर प्रसव केंद्र में प्रभार में रहती है, लेकिन मरीज देखने में आनाकानी करती है। साथ ही वे मरीजों को दलाल के माध्यम से निजी अस्पताल में इलाज कराने की सलाह भी देती है। ऑपरेशन के नाम पर मरीजों के परिजनों से 20 से 25 हजार रुपये लिया जाता है। उक्त बातें युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज उपाध्याय ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा।







पंकज उपाध्याय ने सदर अस्पताल में कराए जा रहे गर्भवती महिलाएं और नवजात शिशुओं की मृत्यु के लिए डॉक्टरों और कर्मियों को दोषी ठहराते हुए कहा कि बीते 12 दिसंबर को रात्रि लगभग 10 बजे डुमरांव निवासी विंध्यवासिनी नामक महिला को उसके परिजनों ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। उक्त महिला दस घंटे तक प्रसव पीड़ा से कराहती रही पर उसे सुबह आठ बजे तक कोई महिला डॉक्टर देखने तक नहीं आई जबकि उस रात महिला चिकित्सक डॉ सेतु सिंह का ड्यूटी था और वे शहर के एक बड़े अस्पताल में ड्यूटी करती है। जबकि, 12 दिसंबर को सुबह में महिला डॉक्टर आई और मरीज की हालत को देखते हुए ऑपरेशन करने की बात कही। साथ ही बताया कि ऑपरेशन नहीं करने की स्थिति में जच्चा और बच्चा को खतरा है। परिजनों ने उन्हें सहमति पत्र देकर ऑपरेशन कराया। ऑपरेशन में विलंब के कारण बच्चे की मृत्यु हो गई और उसकी मां भी गंभीर हालत में है। नवजात बच्चे को एनएमसीयू में जब डॉक्टरों को देखा गया तो बताया गया कि समय रहते ऑपरेशन हो जाने से बच्चे की जान बच जाती। उन्होंने कहा कि उक्त घटना को लेकर सीएस से पीड़ित परिजनों ने शिकायत की और नगर थाने में संबंधित डॉक्टर और एएनएम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है।

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष लक्ष्मण उपाध्याय ने कहा कि सदर अस्पताल में कर्मियों की मनमानी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मौके पर महिला कांग्रेस के अध्यक्ष पुष्पा वर्मा व जिलाध्यक्ष डाॅ मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि सदर अस्पताल में जारी मनमानी के खिलाफ उक्त डॉक्टर व एएनएम को निलंबित नहीं किया गया तो कांग्रेस पार्टी अनिश्चितकालीन धरना व आंदोलन करने को बाध्य हो जाएगी।
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